1971 में भारतीय सेना के सामने सरेंडर का जिक्र कर TTP ने पाकिस्तान को याद दिलाई उसकी औकात


तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने 1971 के आत्मसमर्पण के लिए पाकिस्तानी सेना का मजाक उड़ाया है। पाकिस्तानी सेना पर टीटीपी का हमला पाकिस्तान के कानून मंत्री के उस बयान के जवाब में आया है जिसमें कहा गया था कि अगर शांति वार्ता सफल होती है तो वे तालिबान आतंकवादियों को फिर से हथियार उठाने की अनुमति नहीं देंगे। पलटवार करते हुए पाकिस्तान तालिबान ने पाक सेना और राजनेताओं को ‘गुलाम’ कहा और स्पष्ट किया कि वे पाकिस्तान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।

बता दें कि साल 1971 की जंग में पाकिस्तान को भारत के हाथों हार मूली थी। भारत से बुरी तरह पिटने के बाद पाकिस्तान ने अपनी हार मान ली थी। उस वक्त पाकिस्तान के 80 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने भारतीय सेना प्रमुख के सामने सरेंडर के कागजात पर हस्ताक्षर किये थे।

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने कहा है कि वह टीटीपी के किसी भी असंवैधानिक मांगों को स्वीकार नहीं करेगी। इतना ही नहीं, इस खूंखार आतंकवादी संगठन के साथ शांति समझौता पाकिस्तानी संविधान के अनुसार सख्ती से होगा। इसको संसद से आम मंजूरी मिलने के बाद भी लागू किया जाएगा। पिछले कई हफ्तों में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के प्रतिनिधियों और प्रतिबंधित टीटीपी के बीच कई बैठकें हुई हैं।