इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की खुलेआम उड़ रही धज्जियां


वाराणसी(काशीवार्ता)। एक तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट चीख-चीख कर सरकार से सरकारी जमीन पर काबिज अवैध धर्म स्थलों के खिलाफ कार्रवाई करने को कह रहा है वही दूसरी तरफ सरकारी महकमों की उदासीनता अकर्मण्यता के चलते सरकारी जमीनों पर नित नए-नए कब्जे होते जा रहे हैं ।ताजा मामला नदेसर मस्जिद का है। रक्षा संपदा की 160 एकड़ भूमि पर बनी मस्जिद व अन्य निर्माणों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के जज माकंर्डेय काटजू ने आदेश दिया था कि सारे अवैध निर्माण व अतिक्रमण तत्काल हटा दिए जाएं लेकिन सरकारी महकमे कान में तेल डाले बैठे हैं। मस्जिद प्रबंधकों ने धीरे-धीरे आधी सड़क कब्जा कर चबूतरा बना दिया। हरदेव सिंह जब नगर पालिका के प्रशासक थे तब उन्होंने मस्जिद प्रबंधन को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इसके पहले कि आदेश अमल में आता हरदेव सिंह का तबादला हो गया जिसके बाद तमाम अधिकारी आए गए लेकिन किसी ने भी नदेसर पर जाम का सबब बने इस अतिक्रमण को हटाने की जहमत नहीं उठाई ।अब चबूतरा हटाने को कौन कहे। मस्जिद प्रबंधकों ने लोहे के खंभे गाड़ कर अतिक्रमण को पक्का कर लिया जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 13 सितंबर 20 21 को धर्म स्थलों के नाम पर अवैध कब्जे पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए प्रदेश सरकार से अविलंब कार्रवाई का आदेश दिया था। अगली तारीख पर प्रदेश के आला अधिकारियों को तलब भी किया है। लोगों को आश्चर्य है कि जब हाईकोर्ट के आदेश की अधिकारियों को परवाह नहीं तो जनता की फरियादों का क्या होगा ?