आशा ग्रुप देगा विद्यार्थियों को उत्तम सुविधा : प्रभात सिंह मिंटू


वाराणसी (काशीवार्ता)। कोरोना से बचाव के लिए शिक्षण संस्थान अब सेनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क पहनने जैसी व्यवस्था एकेडमियों, छात्रावासों आदि में करने को तैयार है। अब लॉकडाउन के बाद बच्चों का शिक्षा से जुड़ना जरूरी हो गया है। इसके लिए संस्थानों में कोरोना बचाव के पूरे उपाय किए जा रहे हैं। अब सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार हर शिक्षण संस्थान व विद्यार्थियों को है। चीन से फैले कोरोना वायरस के भारत में प्रवेश के साथ ही लगे लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा असर देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों की शिक्षा पर पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आशा महाविद्यालय, आशा महिला महाविद्यालय, आशा फार्मा सहित अन्य शिक्षाविद संस्थाओं के प्रबंध निदेशक प्रभात सिंह मिंटू ने कहा कि कोरोना से लड़ना संभव है। इस वायरस को कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए आसानी से हराया जा सकता है जिसके लिए अब शिक्षण संस्थान बेहतर तरीके से तैयार है। श्री मिंटू ने कहा कि बच्चों पर ही समाज और देश का आने वाला कल बनने वाला है। बच्चों की शिक्षा को लेकर सरकार को सकारात्मक कदम उठाना चाहिए तथा लॉकडाउन के नियमों के पालन का निर्देश देते हुए शिक्षण संस्थानों के संचालन की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तैयारियां की जा रही है। बच्चें घर से ज्यादा खुद को सुरक्षित महसूस करें, ऐसे अनेक उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्रवेश द्वार पर कैनोपी बनाया गया है, जहां सेनेटाइजर व थर्मामीटर द्वारा तापमान देखते हुए मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर विद्यालय में प्रवेश दिया जायेगा। कहा कि विद्यालय खुलने से पहले और बंद होने के बाद हर एक क्लास रूम व टेबल, ब्रेंच, कुर्सी, बोर्ड को सेनेटाइज किया जायेगा और साथ ही विद्यालय परिसर में ही एक सीक्रेट क्वारंटीन रूम बनाया गया है, जिससे जो भी बच्चे संक्रमित मिले, उन्हें उस रूम में रखा जायेगा और नजदीकी स्वस्थ्य परीक्षण टीम से संपर्क करके उनका इलाज कराया जायेगा।