बनारस ने जीआई उत्पाद में रचा इतिहास


वाराणसी(काशीवार्ता)। बनारस जो दुनिया के लिए हमेशा आकर्षण का केन्द्र रहा है और हस्तशिल्प, हथकरघा, मिठाई, बनारसी साड़ी, लंगड़ा आम, शहनाई, तबला, एवं पान के लिए जाना जाता है। देश की बौद्धिक सम्पदा में जीआई पंजीकरण के माध्यम से बनारस ने जीआई उत्पाद में इतिहास रचा है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में 75वें उत्पाद के रूप में स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़ी प्रसिद्ध मिठाई बनारस की ‘तिरंगा बर्फी’ का जीआई आवेदन होने के लिए चेन्नई स्थित जीआई रजिस्ट्री में भेजा जा चुका है। पदमश्री से सम्मानित जीआई विशेषज्ञ डॉ० रजनीकान्त ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष 75वें वर्ष में एक ही वर्ष के अन्दर 75 जीआई आवेदनभेजने का लक्ष्य तय कर लिया गया था। बनारस तिरंगी बर्फी को इस वर्ष अकेले संस्था ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा फैसिलिटेट की गयी 75वें उत्पाद के रूप में जीआई रजिस्ट्री को भेज दिया गया, जिसका आवेदन “महानगर उद्योग व्यापार समिति” द्वारा किया गया है। काशी की संस्था ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन ने डॉ. रजनीकान्त के नेतृत्व में जीआई फैसिलिटेशन द्वारा यह मुकाम हासिल किया है। इसके पूर्व में भी बनारस और पूर्वाचल के 18 उत्पादों को जीआई का टैग प्राप्त हो चुका है एवं बनारस के नए 12 उत्पाद प्रक्रिया में शामिल हो चुके हैं जिसमें तिरंगीबर्फी, शहनाई, तबला, लालपेड़ा, लंगड़ाआम, सहित कई उत्पाद शामिल हैं।