बंगाल में मंत्री और उनकी करीबी गिरफ्तार, करोड़ों बरामद, BJP बोली- पिक्चर तो अभी बाकी है


कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। अर्पिता के घर से लगभग 21 करोड़ रुपए नकद बरामद किये गये हैं। इस मामले को लेकर बंगाल की राजनीति भी गर्मा गयी है। तृणमूल कांग्रेस ने ममता के करीबी मंत्री की गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बताया है तो भाजपा ने करोड़ों रुपए की बरामदगी पर तंज कसते हुए कहा है कि दीदी के राज में बंगाल पर नोटों की बरसात हो रही है। यही नहीं भाजपा ने तो यहां तक कहा है कि यह तो सिर्फ ट्रेलर है पूरी पिक्चर अभी बाकी है।

हरहाल, पार्थ चटर्जी को ईडी ने जिस मामले में गिरफ्तार किया है उसकी बात करें तो हम आपको बता दें कि जब यह घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। पार्थ चटर्जी को जांच के सिलसिले में करीब 26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। चटर्जी वर्तमान में उद्योग मंत्री हैं। उन्हें गिरफ्तार करने के बाद साल्ट लेक इलाके में स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय ले जाया गया। ईडी के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘चटर्जी शुक्रवार सुबह से उनसे पूछताछ कर रहे हमारे अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्हें दिन में एक अदालत में पेश किया जाएगा।’’ अधिकारी के मुताबिक, ईडी ने चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के एक परिसर से 21 करोड़ रुपये नकद राशि जब्त किए जाने के बाद उन्हें भी हिरासत में ले लिया है।

हम आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर एक साथ छापेमारी की थी। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर छापे के अलावा ईडी के अधिकारियों ने राज्य के उत्तरी हिस्से में कूचबिहार जिले में एक अन्य मंत्री परेश अधिकारी के घर का भी दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से बात की। इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और नौ अन्य लोगों के घरों पर एक साथ छापे मारे। सीबीआई उच्च न्यायालय के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय इस मामले से संबंधित कथित धनशोधन की तफ्तीश में जुटा है। एजेंसी ने एक कमरे के अंदर भारी मात्रा में नकदी का ढेर लगे होने की चार तस्वीरें भी साझा कीं। 

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने छापेमारी को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘चाल’ बताया। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘ईडी की यह छापेमारी शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद हुई है, जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। यह टीएमसी के नेताओं को परेशान करने व डराने-धमकाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अदालत के निर्देश के तहत सीबीआई पहले ही मंत्रियों से पूछताछ कर चुकी है और वे सहयोग कर रहे हैं। अब उन्हें बदनाम करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने धनशोधन का मामला गढ़ा है।’ हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “टीएमसी नेताओं और उनके करीबी लोगों ने लाखों योग्य युवाओं को धोखा दिया और गैर-पात्र लोगों को उनकी नौकरी दे दी। सीबीआई और ईडी सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। कई रहस्य उजागर होंगे। भाजपा की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।”

जहां तक मंत्री के साथ गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी की बात है तो आपको बता दें कि अर्पिता मुखर्जी बांग्ला फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत के साथ कुछ फिल्मों में साइड रोल कर चुकी हैं। इसके अलावा अर्पिता मुखर्जी ने बांग्ला फिल्म अमर अंतरनाड में भी अभिनय किया था। अपने फिल्मी कॅरियर में उन्होंने ज्यादातर साइड रोल ही किए हैं। उन्होंने बांग्ला फिल्मों के अलावा ओडिया और तमिल फिल्मों में भी काम किया है। वह अपने डांस वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर डालती रहती हैं। ईडी के मुताबिक अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी की नजदीकी सहयोगी हैं। माना जा रहा है कि दुर्गा पूजा कमेटी के जरिये उनकी पार्थ चटर्जी से मुलाकात हुई। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक फोटो भी ट्वीट किया है जिसमें दुर्गा पूजा के दौरान ममता बनर्जी, पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी एक साथ नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा है कि ये तो बस ट्रेलर है अभी पूरी पिक्चर बाकी है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि अर्पिता मुखर्जी का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने साथ ही कहा है कि बरामद किये गये पैसों से भी टीएमसी का कोई वास्ता नहीं है।