संकल्प लेने में देर नहीं करते

पिछले साल दिसंबर शुरू होते ही सोचना शुरू कर दिया था कि अगले साल के लिए कुछ नए संकल्प जरूर लूंगा और उन्हें पूरा करूंगा। लेकिन पुराना साल चला गया, बजट आकर... Read more »

वैज्ञानिकों की असली जिम्मेदारियां

समाज, धर्म, आर्थिकी और राजनीति के प्रबुद्ध ‘कलाकारों’ को देश की समस्याओं का सिलेबस इतने दशकों में समझ नहीं आया इसलिए वैज्ञानिकों से आग्रह किया गया है कि वे देश के लिए... Read more »

महर्षि दयानंद ने ‘सत्यार्थ प्रकाश’ को हिंदी भाषा में लिखा

हिंदीत्तर भाषी हिंदी सेवकों में महर्षि दयानंद सरस्वती का नाम सर्वप्रथम लिया जाना चाहिए। महर्षि दयानंद सरस्वती ओजस्वी वाणी के प्रखर वक्ता थे। उनका तेजोमय संन्यासी व्यक्तित्व विशाल जनसमूह को अपनी ओर... Read more »

डार्विन के क्रम विकास सिद्धांत ने बताया बंदर से कैसे बने इंसान

इंसान के पूर्वज बंदर थे यह बात आज लगभग सारी दुनिया स्वीकार चुकी है। बंदर के क्रम विकास से इंसान कैसे बने इस बात को बताने वाले महान वैज्ञानिक थे चार्ल्स डार्विन... Read more »

भारतीय संस्कृति का पालन करने वाले पं. दीनदयाल उपाध्याय को शत-शत नमन

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद के दर्शन पर श्रेष्ठ विचार व्यक्त किये हैं। एकात्म मानववाद के विचार आज के युग में भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि उनके काल में... Read more »

माधव गुरु पहलवानों के प्रति रहते थे समर्पित

संसार में गुरु-शिष्य की परम्परा बड़ी ही प्राचीन है। विशेषकर भारतवर्ष में इस परम्परा को पवित्र बंधन के रुप में मनाया जाता है। प्राय: हर विधा में हर एक गुण का महत्व... Read more »

महर्षि दयानन्द ने देश हित में हिंदी को किया था स्वीकार

हिंदीत्तर भाषी हिंदी सेवकों में महर्षि दयानंद सरस्वती का नाम सर्वप्रथम लिया जाना चाहिए। महर्षि दयानंद सरस्वती ओजस्वी वाणी के प्रखर वक्ता थे। उनका तेजोमय संन्यासी व्यक्तित्व विशाल जनसमूह को अपनी ओर... Read more »

अंग्रेजों के आगे नहीं झुके थे पांड्य नरेश कट्टबोमन

17वीं शताब्दी के अन्त में दक्षिण भारत का अधिकांश भाग अर्काट के नवाब के अधीन था। वह कायर लगान भी ठीक से वसूल नहीं कर पाता था। अत: उसने यह काम ईस्ट... Read more »

शानदार कॅरियर वाया गर्भ संस्कार

व्यंग्य नर्सरी में एडमिशन से लेकर 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं तक और 12वीं के बाद अच्छे कॉलेज में दाखिले से लेकर अच्छी नौकरी पाने तक मां-बाप बच्चों को लेकर आजकल इतने ज्यादा... Read more »

भारतीय राजनीति के दैदीप्यमान राजनेता रहे बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा

श्री बाबू संघर्षशील, जुझारू और दूरदर्शी कांग्रेसी राजनेता थे। वह सामाजिक न्याय व साम्प्रदायिक सद्भाव के भी प्रणेता समझे जाते हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के सन्तुलित विकास पर ध्यान देते... Read more »