दीपोत्सव देखने जाह्नवी के तट पर उतरेंगे ‘देवगण’


वाराणसी। राजराजेश्वर शिव की नगरी में आज शाम देवलोक का नजारा दिखेगा। देव दीपावली पर सुरसरि की लहरों पर दीपमालाएं इठला उठेंगी। देव दीपावली पर दुनिया भव्य और दिव्य काशी का नव्य स्वरूप निहारेगी। शाम ढलते ही उजालों की बरसात से शिवनगरी नहा उठा उठेगी। घाट से शहर की गलियों की राहें जुड़ेंगी और जन सहभागिता से विराट व रंगीले उत्सव में चार चांद लगेंगे। गंगा के साथ आकाश गंगा के मिलन की अनमोल घड़ी का गवाह बनने के लिए देश और दुनिया भर के पर्यटक काशी पहुंच चुके हैं। सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर देवाधिदेव महादेव की नगरी में सांझ ढलते ही पूनम के चांद की अगुवाई में आसमान से सितारों की झिलमिलाती रोशनी संग घाटों पर दमकती दीपमालाओं की अलौकिक अद्भुत छटा से नहा उठेगी। सुरसरि के तट पर जलने वाले दीपों की आभा निहारने के लिए लाखों-लाख नेत्र युगल घाटों पर पहुंचेंगे। पंचगंगा घाट पर श्रीमठ की सीढ़ियों से ऊपर स्थित हजारा (सहस्त्र दीप) की साफ-सफाई पूरी हो गई है। महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा अर्पित किए गए हजारे का पहला दीप जलाने के बाद घाटों पर दीपमालाओं की शृंखला प्रज्ज्वलित होती हैं। आगे बूंदी परकोटा घाट की साज-सज्जा भी पूरी हो चुकी है। आदिकेशव घाट, राजघाट, गायघाट, पंचगंगा घाट, सिंधिया घाट, ललिताघाट, मीरघाट से लेकर दशाश्वमेध घाट, शीतलाघाट, अहिल्याबाई घाट, राजा चेत सिंह घाट, केदारघाट, तुलसीघाट से असि घाट व रविदास घाट की रंगत देखते ही बन रही है। गंगा के घाटों की सीढ़ियों से उतरकर पर्व का उल्लास रेती पार और शहर के कुंड-सरोवरों से लगायत लगभग सभी देवालय व घर के चौक-चौबारों तक बिखर गया है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से अमर शहीद ज्योति की अनुकृति तैयार है। देव दीपावली देश के अमर जवानों को समर्पित रहेगी। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से 108 किलो अष्टधातु की गंगा प्रतिमा का 108 किलो फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। चेतसिंह घाट पर थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए गंगा अवतरण और देव दीपावली की कहानी दर्शाई जाएगी। तुलसीघाट पर भी साज-सज्जा को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अस्सी घाट को भी भव्य रूप से सजाया गया है।
गंगा घाटों की ओर नहीं जायेंगे वाहन
वाराणसी (काशीवार्ता)। काशी में आज देव दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। पर्व मनाने को आधी रात तक गंगा घाटों पर लाखों लोगों का जनसैलाब उमड़ेगा। इसे देखते हुए आज सुबह 11 बजे से रात पर्व की समाप्ति तक रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की गई है। रूट डायवर्जन की व्यवस्था के तहत गोदौलिया से मैदागिन तक का इलाका नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। इसके साथ ही गंगा घाटों की ओर जाने वाले किसी भी मार्ग पर किसी भी तरह का वाहन नहीं जाएगा। एडीसीपी ट्रैफिक डीके पुरी ने लोगों से अपील की है कि वह रूट डायवर्जन की व्यवस्था का पालन कर यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में मदद करें।
50 टन फूलों से सजा बाबा विश्वनाथ धाम
वाराणसी। देव दीपावली पर काशी विश्वनाथ धाम 50 टन फूलों से महक उठेगा। फूलों में थाईलैंड, बेंगलुरू, कोलकाता, ऊटी से आने वाले आर्किड, राजहंस, कुमुदिनी, हाइड्रेंजिया, कार्नेशन, गुलाब, जिप्सी, ब्लू डाई, कृशांति, रजनीगंधा, गोंफरेना, मदार व कमल आदि बड़ी मात्रा में लाए गए हैं। अगले एक सप्ताह तक इन फूलों की महक एवं सुंदरता का आनंद काशीवासी ले सकते हैं। दूसरी ओर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद श्रीवास्तव ने सर्किट हाउस में मीडिया से बताया कि विशाखापत्तनम निवासी भोले बाबा के एक भक्त ने बाबा के धाम को फूलों से सजाने की इच्छा जाहिर की थी। कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सनातन संस्कृति के उद्भव का कार्य चल रहा है।