अपने आपको निरीह न समझें, निराश न हों: संभव राम


वाराणसी(काशीवार्ता)। श्री सर्वेश्वरी समूह, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव, वाराणसी के पुनीत प्रांगण में रविवार, दिनांक 30 जनवरी, 2022 को कुष्ठ निवारण दिवस संस्था के अध्यक्ष पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी के निर्देशन में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष में पूज्यपाद औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने अपने आशीर्वचन में कहा- यहाँ पर जो सेवा हो रही है- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक लोग जुड़े हैं। आपलोगों की सेवा में जो हमारे सहयोगी हैं- बाहरी चिकित्सक हों- चाहे एलोपैथिक हों, आयुर्वेदिक हों, कोई भी पद्धति के हों- उनसे भी हमलोग परामर्श लेते रहते हैं कि अच्छे-से-अच्छा क्या हो सकता है? इस रोग के साथ और भी जो रोग होते हैं उनको दूर कैसे किया जा सकता है? हमारे यहाँ आने-जाने वाले परिचित लोगों की भी हमलोग सहायता लेते हैं- आपकी जो दवाएं बनती हैं हमारे यहाँ उसमें अच्छी-से-अच्छी दवा कहाँ उपलब्ध होगी- बनारस हो, चाहे कोलकाता हो, मध्य प्रदेश हो, छत्तीसगढ़ हो, उत्तराखंड हो, जहाँ से भी उपलब्ध हो सकता है- आपलोगों के लिए औषधियों की व्यवस्था, इस आश्रम में बनाने वाली औषधियों की व्यवस्था बड़े मनोयोग से की जाती है और शुद्धता और सफाई का इसमें विशेष ध्यान दिया जाता है। हमारे मन-मस्तिष्क भी अच्छे हों तो कार्य और अच्छा, सुन्दर और सुगम रूप से होता है। विशेषकर आपलोगों के रोग में सुन्न होने के कारण कष्ट महसूस नहीं होता है। लेकिन देखने बहुत भयंकर होता है। उसमें यदि आपलोग सही समय पर दवा लें, सही रहन-सहन और सही खान-पान रखें तो जल्दी स्वास्थ्य लाभ होगा। आपलोगों को यहाँ अध्यात्म की ऐसी व्यवस्था भी मिलती है जो आदमी को उच्चतर स्थिति में ले जाती है। धीरे-धीरे आपकी स्थिति बदलती रहती है। एक जन्म में नहीं तो दूसरे में, तीसरे में, ऐसा भी होता है। इस जन्म में भी हमलोग बहुत कुछ चीजों को प्राप्त कर सकते हैं, आगे तक जा सकते हैं। हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अष्टावक्र जी भी थे- आठ जगह उनकी शरीर में विकृति थी, फिर भी उन्होंने अपने संस्कारों के हिसाब से उस ज्ञान को प्राप्त किया था । वैसे ही आपलोग अपने-आपको निरीह न समझें, निराश न हों।
गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. वीपी सिंह ने की और संचालन प्रचार मंत्री पारसनाथ यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन समूह के उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने किया।