इंडिया कार्पेट एक्सपो से उत्पादन व निर्यात में वृद्धि की अपार सम्भावनाएं


(आजाद खान बापू)
भदोही । कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित 43 वे इंडिया कार्पेट एक्सपो के दूसरे दिन तक लगभग 35 देशों से लगभग 180 विदेशी कालीन खरीददार तथा उनके 121 प्रतिनिधिों ने अपना पंजीकरण कराया । भदोही में पहली बार होने वाले इंडिया कार्पेट एक्सपो में बहुत ही अच्छा परिणाम मिल रहा है। इसमें अंतरराष्ट्रीय विदेशी कालीन खरीदारों, एजेंटों, आर्किटेक्ट्स का काफी संख्या में आगमन हो रहा है । इंडिया कारपेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जिसमें खरीदारों को एक छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन और अन्य फर्श कवरिंग प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया गया है। यह हस्तनिर्मित कालीनों पर दुनिया भर में एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है। कालीन खरीदारों के विनिर्देशों के अनुसार किसी भी प्रकार के डिजाइन, रंग, गुणवत्ता और आकार को अपनाने में भारत की अनूठी क्षमता ने इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक घरेलू नाम बना दिया है

। यह उद्योग भारत के विभिन्न बंदरगाहों जैसे ऊन, रेशम, मानव निर्मित फाइबर, जूट, कपास और विभिन्न यार्न के विभिन्न मिश्रणों से विविध कच्चे माल का उपयोग करता है। इस उद्योग में उत्पादन और निर्यात दोनों में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं,आज विदेशी खरीददारी द्वारा अच्छी प्रतिक्रिया मिली है । बलिया के सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने 43वें इंडिया कारपेट एक्सपो का अवलोकन किया और आयोजकों को बधाई दिया। उन्होंने कहा कि भदोही में पहला कालीन मेला जनपद के लिए बहुत ही गर्व की बात है। मिर्जापुर की मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती लक्ष्मी ने इंडिया कारपेट एक्सपो का अवलोकन किया और कहा कि भदोही जिले में होने वाला इंडिया कारपेट एक्सपो से कालीन उद्योग से जुड़े निर्यातकों को काफी लाभ मिलेगा । कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष उमर हमीद ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला में व्यापार काफी अच्छा होगा । उन्होंने कहा कि खरीददारों द्वारा कुछ निर्यातक को अच्छे आॅर्डर भी मिले है ।