खाटू श्याम की झांकी पाकर तृप्त हुए श्रद्धालु


वाराणसी। लीलाधर प्रभु की स्वर्ण जयंती के समापन पर 51वां दो दिवसीय श्री श्याम झूलनोत्सव शनिवार को महमूरगंज स्थित एक लॉन में शुरू हुआ। दिल्ली के कारीगरों ने वाराणसी में पहली बार राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम मंदिर के स्वरूप को साकार किया। रंग-बिरंगे फूलों और मेवों से सजी लीलाधर की मनोरम झांकी के आगे आस्थावानों ने शीश नवाया और विधि विधान से पूजा की। आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ने भी झांकी के दर्शन किए। इससे पहले दिन में 11 बजे वैश्विक शांति और कल्याण के लिए 11 पुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच संस्था के अध्यक्ष दीपक बजाज व उनकी पत्नी समेत 21 जोड़ों ने रुद्राभिषेक किया। शाम छह बजे दीपक बजाज, मंत्री अजय खेमका व जयप्रकाश गाड़ोदिया ने संयुक्त रूप से बाबा की ज्योत जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रमोद बजाज, अनिल अग्रवाल , अजय खेमका, श्यामसुंदर गाड़ोदिया, राजेश तुलस्यान, संदीप शर्मा, मदनमोहन पोद्दार, विजय अग्रवाल, दीपक तोदी, बैजनाथ भालोटिया, सुशील गाड़ोदिया, आनंद लाड़िया और पवन अग्रवाल थे।
निशान रथयात्रा निकली
रविवार सुबह श्री श्याम मंडल मण्डल द्वारा श्री श्याम बाबा की निशान रथयात्रा बेनीराम बाग पंचमुखी हनुमान मन्दिर से ऊठाया गया। सैकड़ों महिलाएं राजस्थानी भेष भूषा में व श्याम भक्त सजधज कर निशान को ऊठाया। रथयात्रा में एक गाड़ी पर बाबा की झाकी सजी हुई थी। पूरे रास्ते भजन करते नाचते-गाते रथयात्रा महमूरगंज स्थित शुभम लान पहुंची जहां संगीतमय सुन्दरकाण्ड का सामूहिक पाठ हुआ।