लॉकडाउन में ढील के बाद अब स्विट्जरलैंड जा सकते हैं भारतीय, लेकिन है शर्त


स्विट्जरलैंड ने 26 जून से कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की है. अब स्विट्जरलैंड में दूसरे देशों के लोग फिर से आ सकते हैं. स्विस सरकार ने एक बयान में कहा कि कुछ शर्तों के साथ ‘हाई रिस्क’ वाले देशों जैसे भारत से भी लोग स्विट्जरलैंड आ सकते हैं. जिन भारतीयों ने कोविशील्ड की दोनों डोज लगवा ली है, वे भी स्विट्जरलैंड जा सकते हैं.

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अनुमति देने के लिए स्विट्जरलैंड ने कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी है. मंगलवार को स्विस सरकार ने कहा कि भारत जैसे ‘डेल्टा वेरिएंट’ वाले देशों के नागरिकों को बिना कोरोना टेस्ट या अनिवार्य क्वारंटाइन के देश में एंट्री की इजाजत होगी, अगर वह ‘पूरी तरह से वैक्सीनेट’ हो गए हैं.

स्विट्जरलैंड की सरकार के मुताबिक, जिन व्यक्तियों को वैक्सीन लगाया गया है या जो बीमारी से उबर चुके हैं, उन्हें स्विट्जरलैंड में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन जब तक कि यह निश्चित न हो कि टीकाकरण अच्छी सुरक्षा प्रदान करता है. वहीं जिन लोगों को न तो टीका लगाया गया है और न ही वे ठीक हुए हैं, उन्हें एक निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट या रैपिड एंटीजन रिपोर्ट दिखाना होगा और देश में एंट्री के बाद क्वारंटाइन में जाना होगा.

भारतीय यात्रियों की बात करें तो उन्हें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन- ‘कोविशील्ड’ के दोनों शॉट्स लेने की जरूरत है, जिसे ईयू ग्रीन पास दिया गया है. ये वैक्सीन WHO द्वारा भी अप्रूव है.

अधिक जानकारी के लिए, आप संघीय परिषद की वेबसाइट पर जा सकते हैं. जबकि वीजा के संबंध में जानकारी के लिए आप इसवेबसाइट पर जा सकते हैं. यदि आपके मन में क्वारंटाइन को लेकर सवाल हैं तो इस लिंक पर .

स्विट्ज़रलैंड के अलावा, तुर्की उन कुछ अन्य देशों में से एक है जो भारतीय पर्यटकों का स्वागत कर रहा है. हालांकि, एक पर्यटक को वहां जाने के बाद 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन होना होगा क्योंकि यह अनिवार्य है. मिस्र भारतीय पर्यटकों के लिए भी खुला है लेकिन वहां जाने पर रैपिड डीएनए परीक्षण से गुजरना होगा.