कई मौतों के बाद सुधरने की राह पर मानसिक चिकित्सालय की व्यवस्था


वाराणसी (काशीवार्ता)। मानसिक अस्पताल में भर्ती मरीजों की मौत का मामला प्रकाश में आने के बाद जब जिला प्रशासन का हंटर चला तो आज व्यवस्थाएं बदली नजर आने लगी। अस्पताल में मरीजों के पीने के पानी के लिए 10 वाटर कूलर लगे हुए थे। 5 नए वाटर कूलर नया लग रहा है। वार्डों में पर्याप्त कूलर लगाए जा रहे हैं। 28 कूलर पूर्व में लगे थे। गर्मी को देखते हुए लगभग 30 नए कूलर लगाए जा रहे हैं। 5 नये आरओ भी लगाए जा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती मानसिक मरीजों को चिकित्सकीय जांच हेतु पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के आर्थो सर्जन, जनरल सर्जन, फिजिशियन, डेंटिस्ट व हार्ट के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है।
रिकार्ड न दिखा पाने की मिली सजा
जिलाधिकारी द्वारा स्टोर बाबू काशीनाथ को निलंबित किये जाने के मामले में अस्पताल की निदेशिका डॉ.लिली श्रीवास्तव ने बताया कि जिलाधिकारी के मांगे जाने पर उन्होंने रिकार्ड नहीं उपलब्ध कराया जिसे कार्यों के प्रति उदासीनता मानते हुए निलंबित किया गया है। इस संम्बन्ध में स्टोर बाबू काशीनाथ ने बताया कि मेरा कार्य स्टोर में सामान आने के बाद उसे रजिस्टर में इंट्री करना व अस्पताल से जारी इंडेंट के अनुसार सामान निर्गत करना है। मरीजों के लिए बनने वाले खाने के लिए जितना सामान की डिमाण्ड होती है उसे संबंधित कर्मचारी को निर्गत किया जाता है। जिलाधिकारी द्वारा स्टॉक रजिस्टर मांगने पर उनके सामने प्रस्तुत किया गया। मरीजों की मृत्यु में मेरी लापरवाही क्या थी मुझे समझ मे नहीं आया। जिसके लिए मुझे निलंबित कर दिया गया । जबकि मरीजों को इलाज न मिल पाने से हुई मृत्यु के मामले में केवल मौखिक रूप से चेतावनी दी गई। फार्म सुपरवाइजर की मिली भगत से अस्पताल में होने वाली सब्जी व लगभग सौ पेड़ों पर लगे कटहल व आम के फलों का क्या होता है उसे कोई बताने को तैयार नहीं था।