सांसद धरना दे रहे हैं या दावत उड़ा रहे हैं? महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष चिकन पार्टी क्यों की गयी?


संसद में हंगामा करने के चलते और नियमों को तोड़ने के चलते निलंबित किये गये सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष 50 घंटे का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सवाल उठ रहा है कि यह विरोध प्रदर्शन है या दावत चल रही है। सांसदों को जिस तरह के व्यंजन परोसे जा रहे हैं उसके बारे में सुन कर आप भी हैरान हो जायेंगे। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तो आरोप भी लगाया है कि महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष चिकन तंदूरी परोसा जाना बापू का अपमान है।

हम आपको बता दें कि संसद से निलंबित सांसदों ने बुधवार रात खुले आसमान के नीचे गुजारी। सांसदों के लिए घास पर गद्दे बिछाये गये थे ताकि वह सो सकें। सांसद धरने पर भले बैठे हैं लेकिन उनके लिए सारी व्यवस्थायें की जा रही हैं। सांसदों के भोजन आदि की व्यवस्था के लिए विपक्षी पार्टियां विशेष इंतजाम कर रही हैं और इस प्रदर्शन में शामिल सांसदों के लिए दही-चावल से लेकर इडली-सांभर, ‘गाजर का हलवा से लेकर फल तक की व्यवस्था की गई है। अपनी एकजुटता और राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए किए जा रहे प्रदर्शन के लिए विपक्षी पार्टियां एकजुट नजर आ रही हैं। विपक्षी पार्टियों को बारी-बारी से धरने पर बैठे लोगों के लिए खाने-पीने के सामान से लेकर अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी दी गई है। पूरे दिन की व्यवस्था के लिए जो रोस्टर बनाया जा रहा है उसे सांसदों के व्हाट्सऐप ग्रुप पर साझा किया जा रहा है ताकि सभी को समय से जानकारी मिल सके।

सूत्रों ने बताया कि पार्टियों ने फैसला किया है कि वे सांसदों के लिए क्षेत्रीय व्यंजन की व्यवस्था करने की कोशिश करेंगी। द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा द्वारा सांसदों के लिए इडली-सांभर के नाश्ते की व्यवस्था की गई। वहीं, द्रमुक ने दोपहर के भोजन के लिए चावल-दही की व्यवस्था की जबकि तृणमूल कांग्रेस ने रात के खाने में रोटी, दाल, पनीर और चिकन तंदूरी की व्यवस्था की। द्रमुक की कनिमोझी जो इस व्यवस्था को देख रही हैं, वह गाजर के हलवे के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचीं। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने फलों और सैंडविच की व्यवस्था की। आज यानि गुरुवार की बात करें तो द्रमुक नाश्ते की व्यवस्था करेगी जबकि टीआरएस को दोपहर के भोजन और आम आदमी पार्टी को रात के खाने की जिम्मेदारी मिली है। आम आदमी पार्टी पर ही प्रदर्शन स्थल पर सांसदों के लिए टेंट लगाने का जिम्मा है ताकि वे धूप से बच सकें। हालांकि, टेंट लगाने की अनुमति देने से प्रशासन ने इंकार कर दिया है।

विपक्षी पार्टियों ने स्वयं अपने नेताओं के प्रदर्शन स्थल पर बैठने का कार्यक्रम तय किया है जो निलंबित सांसदों का समर्थन करने के लिए उनके साथ एक या दो घंटे धरना स्थल पर बैठेंगे। निलंबित सांसदों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, झामुमो की महुआ माझी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने धरने पर बैठने के लिए समय दिया है जबकि उनकी पार्टी के किसी सदस्य को निलंबित नहीं किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश भी प्रदर्शन स्थल पर गए और कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी पार्टियों द्वारा आयोजित दिन-रात के धरने में हिस्सा लेगी।

हम आपको बता दें कि संसद परिसर में अस्थायी ढांचा नहीं बनाया जा सकता, इसलिए अधिकारियों ने वहां पर टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में नेताओं को खुले आसमान के तले सोना पड़ा है। हालांकि, प्रदर्शनकारी सांसद संसद भवन के पुस्तकालय के शौचालय का इस्तेमाल कर सकते हैं। विपक्षी नेताओं ने कहा है कि सुरक्षा टीम और सफाई कर्मियों ने प्रदर्शनकारी सांसदों के लिए व्यवस्था करने में पूरा सहयोग किया है। उनके प्रवेश और निकासी की भी व्यवस्था की गई है।

इस बीच, विपक्ष ने सभापति की उस पेशकश को अस्वीकार कर दिया है जिसमें निलंबन को वापस लेने के लिए पार्टियों से अपने सदस्यों के व्यवहार को लेकर खेद जताने को कहा गया था। गौरतलब है कि सोमवार और मंगलवार को निलंबित किए गए सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के सात, द्रमुक के छह, तेलंगाना राष्ट्र समिति के तीन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दो, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी के एक-एक सदस्य शामिल हैं। गुरुवार को राज्यसभा से तीन और सांसद निलंबित कर दिये गये।