‘कस्तूरी’ तुम कहां हो तुम ही मुझे पानी पिलाया करो!


वाराणसी (काशीवार्ता)। महिला सशक्तिकरण एक ऐसा शब्द है, जिसके कान में पड़ते ही यह सवाल उठता है, क्या वास्तव में महिलाएं सशक्त हुई हैं ? लेकिन जब समाज में महिलाओं संग हो रहे अत्याचार पर नजर डालें तो इस शब्द पर प्रश्न चिन्ह लग ही जाता है। कहने को तो हमारा समाज कहता है महिलाएं सशक्त हुई हैं और सभी क्षेत्रों में बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी भी कर रही हैं। बावजूद इसके आज भी समाज में उन्हें मात्र एक भोग की वस्तु ही समझा जाता है। यही कारण है कि चाहे वे सरकारी संस्थान हों या निजी, सभी स्थानों पर उन्हें अपनी अस्मत बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। ऐसा ही एक मामला यहां प्रकाश में आया है। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कस्तूरी (बदला हुआ नाम) ने अपने ही विभाग के एक अधिकारी से अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है। ‘कस्तूरी तुम कहां हो, तुम ही पिलाया करो पानी’! जेहनी प्रणय को बेताब उक्त अधिकारी के इस संबोधन से महिला सहकर्मी न केवल व्यथित व परेशान है बल्कि कार्यस्थल पर महिला हिंसा के खिलाफ उसने बिगुल भी फूंक दिया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलवरिया में कार्यरत इस महिला सहकर्मी ने उक्त अधिकारी के खिलाफ राज्य महिला आयोग में स्वयं को प्रताड़ित किए जाने को लेकर पत्रक देते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है। पत्रक में उसने बताया है कि वह आयुष्मान भारत स्वास्थ्य उपकेंद्र बेलवरिया में कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओ) के पद पर कार्यरत है तथा वाराणसी में अकेली रहती है। महिला कर्मचारी का आरोप है कि स्वयं को उक्त अधिकारी और उनके गुर्गे मुझे अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करते हैं। अधिकारी उसे दिन भर में कई बार फोन करते हैं। पूछते रहते हैं तुम कहां हो, मेरे घर का पता पूछते हैं, तरह-तरह के प्रलोभन भी देते हैं। व्हाट्सएप पर मुझे ‘कस्तूरी’ नाम से संबोधित करते हैं, मुझसे पानी मांगते हैं। जब कोई अन्य पानी देता है तो नहीं लेते। कहते हैं कस्तूरी तुम ही मुझे पानी पिलाया करो। मेरा कभी हाथ पकड़ते हैं कभी मेरे कंधे पर हाथ रखने का प्रयास करते है। वे इसके अलावा मेरे पहनावे पर भी टीका-टिप्पणी करते हैं। कहते हैं मेरी विभाग में अच्छी खासी पकड़ है, मैं जो बोलता हूं वैसा ही किया करो।
आत्महत्या करने को हो चुकी हूं विवश
मुझसे कहते हैं कि चांदमारी में मेरा वाटरपार्क है मेरे अनुसार रहोगी तो तुम्हारे नाम कर दूंगा। होटल में ले जाने की बात भी करते हैं। उन्होंने निर्देश दे रखा है कि तुम प्रात: 10 से 4 बजे तक अस्पताल में बैठोगी। मैं तुम्हें चेक करता रहूंगा। महिला का कहना है कि वह अधिकारी की इन हरकतों से आजिज आ चुकी है। उनकी हरकतों से मैं मानसिक रूप से टूट चुकी हूं, जिससे परेशान होकर आत्महत्या करने का मन करता है।
राज्य महिला आयोग की सदस्य ने मामले का लिया संज्ञान
राज्य महिला आयोग की सदस्य व भाजपा की प्रदेश मंत्री मीना चौबे से ‘कस्तूरी’ ने जब रविवार को उनके आवास पर जाकर मुलाकात की और अपनी आप बीती सुनाई तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सीएमओ संदीप चौधरी व शिवपुर थाना प्रभारी से बात की। साथ ही मामले की गंभीरता से उन्हें अवगत कराया। राज्य महिला आयोग से फोन आने पर शिवपुर थानाप्रभारी द्वारा आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के स्थान पर महिला को ही थाने पर बुलाया जा रहा है और उससे कहा जा रहा है कि उक्त अधिकारी को और तुम्हे आमने-सामने बैठा कर बात करूंगा। इस बात से भुक्तभोगी महिला काफी डरी-सहमी है।