मुस्लिम युवाओं ने पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, शिवलिंग पर चढ़ाया जल, भगवान भोले से मांगा यह आशीर्वाद


भारत में गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल दी जाती है। भारत की सबसे खास बात यह है कि यहां सभी धर्म एक साथ मिलकर त्योहारों को मनाते हैं। हालांकि, यह बात भी सच है कि कई समय धार्मिक तनाव की भी खबरें आती हैं। पिछले एक-दो महीनों में हमने कई बार ऐसी खबरें सुनी होंगी। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के इटावा में कुछ मुस्लिम युवाओं ने धार्मिक एकता की मिसाल पेश की है। जानकारी के मुताबिक मुस्लिम युवाओं ने भारत माता की जय और बोल बम के नारे लगाते हुए शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। सांप्रदायिक सद्भावना को जागृत करने के उद्देश्य से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेतृत्व में एक कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया था। इसमें लगभग दो दर्जन मुस्लिम युवाओं ने भाग लिया। जलाभिषेक के साथ ही मुस्लिम युवाओं ने अखंड भारत निर्माण के लिए संकल्प भी जताया है। इसमें कहा गया है कि जब तक खंडित भारत फिर से अखंड नहीं बन जाता, तब तक हर साल या कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी। यह कांवड़ यात्रा यमुना नदी में जल भरने के साथ शुरू हुई थी। जल को नीलकंठ महादेव मंदिर में शिवलिंग पर समर्पित किया गया। इस यात्रा में 50 लोग भी शामिल हुए थे। एक मुस्लिम युवा ने बताया कि मैं कांवड़ यात्रा में शामिल हुआ हूं और मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम सब इस देश के वासी हैं और यहां हिंदू और मुस्लिम भाई भाई जैसे हैं। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से एकजुटता की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सबको देश के लिए काम करना चाहिए और यहां शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। कांवड़ यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम और हिंदू भाई शांतिपूर्ण माहौल में रहकर एक साथ हर त्यौहार को मनाएं। आपको बता दें कि सावन का महीना चल रहा है। हिंदू धर्म में इसे त्योहारों का महीना भी कहा जाता है जहां कई बड़े त्यौहार आते हैं। इसी महीने में कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। कांवड़िया पवित्र नदी से जल भरकर भगवान भोले पर समर्पित करते हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से लोग पैदल हरिद्वार में जल भरने आते हैं। उसे भी भगवान शिव को समर्पित करते हैं। इसके अलावा 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में भी कावड़िया जल चढ़ाते हैं।