नीलकंठ मार्ग खोलने के लिए पीएम को भेजी पाती


वाराणसी (काशीवार्ता)। शहर दक्षिणी के नेपाली खपड़ा, मीरघाट, त्रिपुरा भैरवी, मान मंदिर, रानी भवानी गली, शकरकंद गली के लोगों ने पीएम मोदी को सम्बोधित एक पत्र प्रदेश सरकार के मंत्री रवींद्र जायसवाल को प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में सौंपा। क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि इन मोहल्लों में लाखों की आबादी निवास करती है। चौक से नेपाली खपड़ा, नीलकंठ, सरस्वती फाटक, मीरघाट होते हुए मानमंदिर से दशाश्वमेध व डेढ़सी पुल तक यह गली जाती है। तीन-चार सौ वर्ष पुरानी इस गली से यहां के नागरिको का निर्वाध आना जाना होता था। बीमारी के दौरान यहां के लोग गलियों के माध्यम से मरीजों को अस्पताल ले जाते थे। किसी की मृत्यु होने पर इन्ही गलियो से मणिकर्णिका घाट तक शव को लेकर जाया जाता था। लेकिन प्रशासन ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के दौरान मुख्य गली को नीलकंठ के समीप यह कहकर बन्द कर दिया कि कार्य पूर्ण होते ही पुन: इस गली को खोल दिया जायेगा। परन्तु अभी भी गली बन्द है और इससे क्षेत्रीय लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है। दूसरी ओर विशिष्ट लोगों के आवागमन के चलते सुरक्षा कारणों से इन मोहल्ले में आगमन पर सुरक्षाबलों द्वारा पूर्णत: रोक लगा दी गई है। इससे क्षुब्ध लोगों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। जिसपर जिला/ मंदिर प्रशासन ने न्यायालय को अवगत कराया था कि उक्त प्राचीन मार्ग को अस्थाई रुप से बंद किया गया है। क्षेत्रीय लोगों ने पीएम मोदी से मांग की है कि उक्त मार्ग पाथवे बनाकर चालू कराया जाए। पत्र में विनय कुमार चौधरी, प्रवीन इस्सर, गणनाथ पाण्डेय, मनाऊ यादव, लौकेश चौधरी ने हस्ताक्षर किये हैं।