सिर्फ रू 265 के बकाये पर काट दी उपभोक्ता की बिजली


वाराणसी (काशीवार्ता)। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा लगातार आम लोगों को प्रताड़ित न करने एवं उन्हें स्थानीय स्तर राहत देने की कवायद को बिजली विभाग सलीके से पलीता लगा रहा है। एक तरफ जहां केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार आम आदमी को राहत देकर अपने सरकार की साफ-सुथरी छवि दर्शाने के प्रयासों में लगी है, वहीं अन्य विभागों के साथ ही प्रमुख रूप से बिजली विभाग के अफसरों की कारस्तानी सरकार के प्रयासों पर भारी पड़ रही है। ताजा मामला मच्छोदरी विद्युत उपकेंद्र से जुड़ा है। इस उपकेंद्र के तहत पत्थर गली (जतनबर) निवासी मनोज उपाध्याय को सोमवार की सुबह से रात तक इस उमस भरी भीषण गर्मी में विद्युत अधिकारियों की मनमानी का दंश झेलना पड़ा। अफसरों के निर्देश पर महज रूपए 265 के बकाये पर उनका विद्युत विच्छेदन कर दिया गया। चूंकि मनोज एक जागरूक उपभोक्ता हैं, इसलिए सारा दिन उन्होंने स्थानीय अफसरों से लगायत लखनऊ में बैठे अफसरों को मोबाइल फोन से सूचना दी। तब जाकर लगभग 12 घंटे के प्रयास के बाद उनका कनेक्शन जोड़ा गया। वो भी बकाया रू 265 के साथ जुर्माना के तौर पर रूपए 129 यानि कुल मिलाकर रुपए 394 जमा करने के बाद। जानकारी के अनुसार मनोज के मोबाइल फोन पर पूर्वान्ह 11.57 बजे विद्युत विभाग की ओर से एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उनके कनेक्शन संख्या 5863311000 पर रू. 265.46 का विद्युत बिल बकाया दिखाते हुए विद्युत विच्छेदन की बात कहीं गयी थी। इसी दौरान उनकी बिजली काट भी दी गयी। दिन भर प्रयास व बकाया जमा करने के बाद देर रात 10.26 बजे उनका कनेक्शन पुन: जोड़ा गया। सर्वविदित है कि विद्युत विभाग के अफसरों की कृपा व लापरवाही की वजह से तमाम उपभोक्ताओं पर लाखों-लाख बकाया है, फिर भी उनको आपूर्ति जारी है। उच्चाधिकारियों द्वारा कनेक्शन काटने का निर्देश मिलने पर भी जेई स्तर पर व लाइनमैन के सहयोग से विच्छेदन की महज औपचारिक कार्रवाई ही की जाती है। परिणाम स्वरूप लाइन लॉस में उपकेंद्र स्तर के कर्मचारी ही मुख्य भूमिका में होते हैं।
मच्छोदरी उपकेंद्र क्षेत्र में बड़ी धांधली
विद्युत विभाग के मच्छोदरी उपकेंद्र से जुड़े क्षेत्रों में लगातार बड़ी धांधली उजागर हो रही है। प्राय: सभी क्षेत्रों में अवैध वसूली कर कटिया कनेक्शन, लाखों बकाये के बाद भी आपूर्ति जारी रखने, सुविधा शुल्क लेकर विद्युत पोल से ई-रिक्शा को चार्ज करने की व्यवस्था आदि की हजारों शिकायतें हैं। इस अनियमितताओं की जानकारी एसडीओ व एक्सईन को होने के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।