संसद भवन में स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी के बीच हुई तीखी नोकझोंक, जानें फिर क्या हुआ


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के एक बयान पर भाजपा पूरी तरह से हमलावर हो गई है। भाजपा की ओर से लगातार कांग्रेस और सोनिया गांधी पर निशाना साधा जा रहा है। सड़क से लेकर संसद तक भाजपा कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। संसद में भी भाजपा की ओर से सोनिया गांधी से माफी मांगने की बात कही गई है। इसके अलावा स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ तौर पर कहा है कि अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर सोनिया गांधी देश से माफी मांगे। इसी को लेकर संसद भवन परिसर में भाजपा सांसद रमा देवी और सोनिया गांधी के बीच बातचीत चल रही थी। इसी दौरान वहां स्मृति ईरानी पहुंचने गईं। इसी को लेकर सोनिया गांधी भड़क गईं। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच दो-तीन मिनट तक बहस हुई है।

दरअसल, सोनिया गांधी ने रामादेवी से पूछा कि मेरा नाम बार-बार क्यों लाया जा रहा है। तभी वहां स्मृति ईरानी पहुंच गईं और कहा कि क्या मैं आपकी मदद कर सकती हूं? स्मृति ईरानी ने कहा कि मैंने ही आपका नाम लिया है। इसके जवाब में सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे तुमसे बात नहीं करनी है। इसके बाद दोनों ही नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने लिखा कि आज लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार किया! लेकिन क्या स्पीकर इसकी निंदा करेंगे? क्या नियम सिर्फ विपक्ष के लिए होते हैं? वहीं, सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि स्मृति ईरानी जी की बौखलाहट साफ़ है – पर मंत्री महोदया यह ध्यान भटकाऊ प्रक्रिया नहीं चलेगी। गोवा के रेस्तराँ पर जवाब दीजिए?

आपको बता दें कि इससे पहले संसद में स्मृति ईरानी ने कहा था कि एकआदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू जी के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनते ही कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें कठपुतली, अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा और कल कांग्रेस के नेता सदन ने उन्हें राष्ट्रपत्नी कहा। सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेताओं को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। वहीं, संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि देश और दुनिया को पता है कि कांग्रेस आदिवासी, गरीब और महिला विरोधी है। कांग्रेस ने सोनिया जी की अध्यक्षता में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक आदिवासी और गरीब परिवार की महिला का अनादर और उनकी गरीमा पर प्रहार करके संविधान को चोट पहुंचाने का काम किया है।