आबादी की ओर बढ़ीं गंगा, दहशत


वाराणसी। गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है। गुरुवार की सुबह 11 बजे तक जलस्तर चेतावनी बिंदू से महज 10 सेमी नीचे है। बढ़ाव की रफ्तार 6 सेमी प्रतिघंटा जारी है। गंगा पक्के घाटों को डूबाकर अब गलियों व रास्तों से बस्ती की ओर घुसने के लिए हिलोरे मार रही हैं। शहर की दक्षिणी छोर वाले इलाकों में बाढ़ का पानी कॉलोनियों में तेजी से घुसने लगा है। सामने घाट में करीब आधा दर्जन कॉलोनियां प्रभावित हुई हैं। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट श्मशानस्थल पर शवदाह को लेकर संकट खड़ा हो गया है। कई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। शवदाह के लिए टोकन लेना पड़ रहा है। गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि के चलते वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया। बाढ़ में वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह डूब चुकी है। वरुणा के तटवर्ती करीब दर्जनभर मोहल्ले में लोग घरों से निकलकर बाढ़ राहत शिविर में शरण लिये हैं। उधर, ग्रामीण इलाकों में बाढ़ से आबादी प्रभावित होने लगी है। ढाब व गोमती के तटवर्ती इलाकों में स्थित सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गईं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर सुबह 11 बजे तक 70.162 मीटर पर पहुंच गया है। जबकि चेतावनी बिंदू 70.262 मीटर पर है। वहीं खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के मुताबिक 20.05 लाख क्यूसेक पानी मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर के बांधो व बैराज से छोड़ा गया है, जो यमुना से होकर प्रयागराज पहुंचेगा। इसका असर अगले 24 घंटे में वाराणसी की गंगा में देखने को मिलेगा। उधर, जिला प्रशासन ने गंगा, वरुणा व गोमती तटवर्ती इलाके के इलाकों व गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में एसडीएम को तत्काल बाढ़ राहत इलाकों का दौरा करने का निर्देश दिया है।