रामनगर की रामलीला में राम नाम की लौ जगाने वाले थे ‘शरण जी’


(डा. के. के. शर्मा )
वाराणसी(काशीवार्ता)। विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में लगातार 66 वर्ष तक राम नाम संकीर्तन की अलख जगाने वाले संत शिरोमणि श्री सिया मोहनी शरण जी का न रहना लीला प्रेमियों को खल रहा है। यह बात अलग है कि उनके भक्त बाबा राम नरेश द्वारा आज भी राम नाम संकीर्तन का क्रम जारी है। सनद रहे विश्व भर में रामनगर की रामलीला ही मात्र ऐसी है, जिनमें किसी भी तरह के लाउडस्पीकर, लाइट का प्रयोग नहीं किया जाता। बावजूद इसके लाखों की भीड़ में अनुशासन गजब देखा जाता है। ‘कलियुग केवल नाम अधारा’ की राम चरित मानस की पंक्ति को चरितार्थ करते हुए आज से 66 वर्ष पूर्व सिया मोहनी शरण जी अपने भक्तों की मंडली लेकर रामनगर में जहां कहीं भी रामलीला होती पहुंच जाते। वे दोपहर ठीक 3 बजे से राम नाम संकीर्तन करते थे। लीला शुरू होने के 15 मिनट पहले कीर्तन खत्म हो जाता था। आंधी आए, चाहे तूफान, वह समय से लीला स्थल पर पहुंच जाते थे। उनके परम शिष्य नंदन पंजेलाल रमेश ने ‘काशीवार्ता’ को बताया कि उनके गुरु समय के बड़े पक्के थे। जिस समय गंगा के ऊपर कोई पुल नहीं बना था तब भी वे समय से ही यहां पहुंचते थे। वह जीवन पर्यंत अपने परिवार से दूर लक्सा क्षेत्र के रामापुरा क्षेत्र में प्राचीन विघ्न हरण हनुमान मंदिर में ही रहे। वह प्रतिदिन भोर में 3 बजे संकट मोचन मंदिर पहुंचकर राम नाम संकीर्तन की धुन का प्रचार करना नहीं भूलते थे। 22 नवंबर वर्ष 2019 को उनके बैकुंठ धाम जाने के बाद आज भी उनके भक्त राम नाम सकीर्तन की अलख जगा रहे हैं।
जैन मंदिर से उठाये गए छात्र
वाराणसी। लंका थाना क्षेत्र के नरिया स्थित दिगंबर जैन मंदिर में शुक्रवार शाम मंदिर प्रशासन और उसमें रह रहे कुछ छात्रों के बीच रार ठन गई। बता दें कि नरिया क्षेत्र में भगवान दिगंबर जैन का मंदिर है। मंदिर कैम्पस के अंदर कमरे है जिसमें से कुछ कमरों में छात्र भी रहते है। मंदिर प्रशासन का आरोप है कि छात्र अवैध तरीके से जबर्दस्ती कब्जा करके रह रहे।
तहरीर के आधार पर लंका पुलिस मंदिर पहुंची और कुछ छात्रों को थाने ले आई।