तीन को फांसी, एक को उम्रकैद


वाराणसी (काशीवार्ता)। जनपद न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने चौक थानान्तर्गत बेनियाबाग स्थित रहीम बाबा मजार से एक जमीन को लेकर विवाद के मामले में हत्याकांड के आरोपियों को आज सजा सुनाई गयी, जिसमें तीन पुरुष अभियुक्त अमजद, रमजान एवं अरसद को फांसी एवं एक महिला अभियुक्त शकीला को आजीवन कारावास और 75 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह घटना दस वर्ष पूर्व वर्ष 2012 की है। जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ल एवं वादी के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह के अनुसार अदालत ने दलीलों को सुनने एवं साक्ष्य को देखते हुए इन चारों आरोपियों को विगत दिवस दोषी करार कर दिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ला के अनुसार सरायगोवर्धन -चेतगंज निवासी सईद ऊर्फ काजू ने 16 जून 2012 को चौक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
लाठी-डंडे से पीटकर दो लोगों को उतारा था मौत के घाट
आरोप था कि वादी, उसके दो भाई मो. शफीक उर्फ राजू और मो. शकील उर्फ जाऊ, भतीजे चांद रहीमी व शालू के साथ बाबा रहीम शाह की मजार से निकलकर घर की ओर जा रहे थे। उसी दौरान अमजद, इकबाल राइन, अरशद, रमजान व अमजद की पत्नी शकीला व उसकी बेटी शबनम आदि ने कब्रिस्तान के समीप घेर लिया और डंडे से हमला कर दिया। सिर व शरीर लहूलुहान हो गया। शोर सुनकर मजार की साफ-सफाई करने वाले कामिल और भतीजा बीच बचाव को पहुंचे तो हमलावरों ने उन्हें भी मारा-पीटा। पिटाई से मौके पर ही वादी के भाई शफीक उर्फ राजू व कामिल की मौत हो गई। अन्य घायलों को वादी व मोहल्ले के लोग अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां एक और भाई शकील उर्फ जाऊ की मौत हो गई। वहीं, इस घटना में गंभीर रूप से घायल भतीजे चांद रहीमी की कुछ दिनों बाद उपचार के दौरान मौत हो गई थी।