चुनाव के समय ही चाचा की याद क्यों आती है? मैनपुरी में मामला अटका तो आशीर्वाद लेने शिवपाल के पास पहुँचे अखिलेश और डिंपल यादव


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को चुनावों के समय ही अपने चाचा शिवपाल यादव याद आते हैं और चुनाव के बाद वह उनसे दूरी बना लेते हैं। इस साल हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान अखिलेश यादव ने ना सिर्फ शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के साथ गठबंधन किया बल्कि शिवपाल को सपा के टिकट पर ही विधानसभा का चुनाव लड़वाया। लेकिन चुनाव परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो विधायक दल की बैठक में शिवपाल को आमंत्रित ही नहीं किया गया। इसके बाद भी लगातार शिवपाल सिंह यादव को अपमानित किया गया लेकिन अब मैनपुरी में संसदीय सीट पर उपचुनाव होना है और चूंकि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की विरासत पर अधिकार का सवाल है तो अखिलेश ने अपनी पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव को यहां से सपा उम्मीदवार बनाया है लेकिन भाजपा ने यहां से मजबूत उम्मीदवार उतार दिया है तो अखिलेश को लग रहा है कि कहीं आजमगढ़ और रामपुर जैसी हालत मैनपुरी में ना हो जाये। इसीलिए अखिलेश को ऐन चुनावी मौके पर एक बार फिर अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की याद आई है। गुरुवार को उन्होंने अपनी पत्नी के साथ शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की और जीत का आशीर्वाद मांगा। इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘नेता जी और घर के बड़ों के अलावा मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है।’ अखिलेश यादव ने इसके साथ ही अपनी, डिंपल, शिवपाल यादव और उनके पुत्र आदित्य यादव की एक तस्वीर भी ट्वीट की।