उत्तराखंड के नेताओं से मुलाकात कर रहे तोमर


नई दिल्ली, साल 2017 में जब उत्तराखंड में विधानसभा के चुनाव हुए तो बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी हुई। उन्होंने जैसे ही चार साल का कार्यकाल पूरा किया, पार्टी के ही अंदर विरोध के सुर उठने लगे। जिस पर हाईकमान ने एक कठोर फैसला लिया और उनको हटाकर तीरथ सिंह रावत के हाथ में कमान सौंप दी, लेकिन शुक्रवार रात उत्तराखंड के सियासी गलियारों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब तीरथ ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा। बताया जा रहा है कि संवैधानिक संकट के चलते उनको ये कदम उठाना पड़ा। नियम के मुताबिक सितंबर तक उन्हें किसी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचना था, लेकिन विधानसभा के चुनाव में एक साल से कम का वक्त बचा है, ऐसे में उपचुनाव नहीं हो सकते हैं।तीरथ के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी नए चेहरे की तलाश कर रही है। जिस वजह से राज्य में सियासी हलचल काफी तेज है।