वाराणसी कोर्ट की कार्यवाही पर रोक


नई दिल्ली। बनारस की चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित कर दी। इसके साथ शीर्ष कोर्ट ने वाराणसी की निचली कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह तब तक इस मामले में सुनवाई न करे और न ही कोई आदेश जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मामले पर वह कल 3 बजे सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तब तक वाराणसी की सिविल अदालत इस मामले में कोई आदेश न दे। इससे पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने कहा कि वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन अस्वस्थ हैं, इसलिए ज्ञानवापी मामले की कल सुनवाई की जाए। इस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से मौजूद वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि मामला अर्जेंट होने के कारण इसे आज ही सुना जाए। अहमदी ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों को सील करने के लिए देश भर में कई आवेदन दायर किए गए हैं। वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में सुनवाई चल रही है और वजुखाना के चारों ओर एक दीवार को गिराने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है। अहमदी ने कहा कि वह एक वकील के बीमार होने के आधार पर सुनवाई स्थगित करने का विरोध नहीं कर सकते, लेकिन एक वचन दिया जाना चाहिए कि हिंदू भक्त सिविल कोर्ट की कार्यवाही के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे। इस पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वे पीठ को आश्वासन दे रहे हैं कि हिंदू पक्ष वाराणसी की सिविल कोर्ट में सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे।
इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस सूर्य कांत व जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने जैन के कथन को रिकॉर्ड पर लिया और आदेश पारित करते हुए सिविल कोर्ट को मामले की सुनवाई शुक्रवार तक आगे नहीं करने को कहा।
15 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल
वाराणसी (काशीवार्ता)। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की पहली रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने सौंप दी। देर शाम सौंपी गई रिपोर्ट दो पेज की है। वहीं आज विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने भी अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी। मामले को लेकर वाराणसी कोर्ट परिसर में हलचल बढ़ गई है। मीडिया को कचहरी परिसर से बाहर रखा गया है। सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने से पहले दोनों पक्ष के लोग कोर्ट में मौजूद रहे। सर्वे रिपोर्ट 15 पेज की है। साथ में नक्शानजरी और कार्यवाही का विवरण भी दाखिल की गई है। तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में सात मई को हुई कमीशन की कार्यवाही में प्रतिवादी प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त्त पर असहयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि सात मई को 100 से ज्यादा मुस्लिम पक्ष बैरिकेड के दूसरी तरफ मौजूद थे, उनके इकट्ठा होने के बाद शासन व पुलिस ने आगे की कार्यवाही में सहयोग पर असमर्थता जाहिर की। इसके कारण कमीशन की कार्यवाही मुकम्मल रूप से नहीं की जा सकी थी। वाराणसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय के आदेशानुसार प्राचीन आदि विश्वेश्वर परिसर के बारे में राखी सिंह आदि बनाम उत्तर प्रदेश सरकार आदि वाद में कोर्ट कमीशन द्वारा वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए गए थे।