कचरा प्रबंधन के वैज्ञानिक पहलुओं पर बल


भदोही। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत सॉलिड एण्ड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) विषय पर आधारित कार्यशाला का समापन कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह, अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संतोष कुमार चक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर इण्डियन ग्रीन सर्विस नई दिल्ली सी0 श्रीनिवासन द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों च संस्थाओं को प्रमाण पत्र देकर व सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध पर्यावरणविद सी. श्रीनिवासन ने अवांछित ठोस और तरल पदार्थों के उपचार और पुनर्चक्रण के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य भदोही जनपद को एक शून्य-अपशिष्ट बनाने और भविष्य के पर्यावरणीय प्रशिक्षकों का निर्माण करने की दिशा में काम करना है। कार्यशाला में प्रथम सत्र व द्वितीय सत्र में कचरा प्रबंधन की वैज्ञानिक व व्यवहारिक पहलुओं को समझाने के बाद नगर के सम्मानित जनता से हरित भदोही हेतु इस प्रक्रिया को अपनाने पर बल दिया गया।
जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी से कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण के दृष्टिगत हमें ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकी विधि को अपनाने की जरूरत है। जनपद को स्वच्छ व हरा-भरा बनाए रखने के लिए पर्यावरण अनुकूल विधियों व प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने दो दिवसीय आयोजित कार्यशाला के चार सत्रों में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ठोस व तरल वैज्ञानिक व व्यावहारिक पहलुओं पर बल दिया गया। अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार मिश्र ने कचड़ा रिसायकलिंग के पर्यावरणीय दृष्टिगत लाभ पर बल देते हुए इंटिग्रेटेड सॉलिड एवं लिक्विड एण्ड रिसोर्स मैनेजमेंट के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि खाने-पीने, प्लास्टिक आदि कचरे को एक उपयोगी उत्पाद के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने जनपद में पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉ. सरोज पांडेय, संजय श्रीवास्तव, जी लाल, श्रीमती अमिता सिंह, आलोक रंजन, संजय सरोज, सोनल जैन, महेंद्र कुमार सहित कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सम्मानित जनों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।