जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचा दे रहे सवारी…


(शिव यादव)
वाराणसी(काशीवार्ता)। स्मार्ट सिटी का तमगा धारण कर चुके शहर बनारस में अब ई-रिक्शा सुगम यातायात के सामने नयी चुनौती बनकर उभर रहा है। प्रमुख चौराहों, सड़क व बाजार में लगने वाले जाम का कारण भी यही सवारी वाहन बनने लगे हैं।सावन में ट्रैफिक के नए प्लान बनाते समय जब पुलिस कमिश्नरेट ने कुछ मार्गो पर इनका परिचालन प्रतिबंधित किया तो चालकों ने भी स्वयं से अपना एक नया रूट बना डाला। विश्वनाथ कॉरिडोर की ओर खुलने वाली कुछ प्रमुख क्षेत्रों की तंग गालियां। ज्ञात हो कि घाट से सटी वो गलियां जहां कभी सूर्य की रोशनी भ्ज्ञी ठीक से नहीं पहुंचती वहां अब ई-रिक्शा फर्राटा भर रहे हैं। इन टेढ़े मेढ़े ,सकरी गलियों से सवारी ले जाते वाहनों को देख एक बनारसी ने कहा कि ‘ब रजा जहां न पहुंचे रवि,वहां पहुंचा देत हउवा सवारी’। बताते चले कि गोदौलिया, गिरजाघर, लक्सा मैदागिन, बेनिया तिराहे पर प्रशासन द्वारा इनका आवागमन इधर बीच प्रतिबंधित है लेकिन सकरी गलियों वाले खारीकुंआ, मदनपुरा, मिसिर पोखरा ,गणेश महाल अगस्तकुंडा, दालमंडी, नयी बस्ती, पानदरीबा आदि ऐसे क्षेत्र जहां कहीं-कहीं ऊपर से सूर्य की रोशनी तक नहीं आती उधर से इन दिनों मनबढ़ ई रिक्शा चालक मनमाने किराया लेकर आवागमन कर रहे हैं। बताते चले कि मुख्य मार्ग पर इनको प्रतिबन्धित करने का कोई असर ट्रैफिक पर नही दिखाई पड़ रहा है।अब ये पूर्व वाले स्थान से थोड़ा आगे-पीछे सवारी को उनके गन्तव्य तक पहुंचा कर ट्रैफिक महकमे को मुंह चिढ़ा रहें हैं। लोगो की माने तो विभाग की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है।