शत-प्रतिशत टीकाकरण न होने पर निरस्त होगी विद्यालय की मान्यता


वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने आज कैम्प कार्यालय पर 15 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के वैक्सिनेशन से सम्बन्धित बैठक करते हुए कड़े निर्देश दिए हैं कि दो दिनो में यदि 100% टीकाकरण किया गया तो संबंधित के खिलाफ जिम्मेदारी तय करते हुए एफ आई आर कराई जाएगी तथा वेतन भी अदेय किया जाएगा। 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत जनपद के सभी मदरसों, आईटीआई स्कूलों, पॉलिटेक्निक, सीबीएसई, आईसीएसई स्कूल, विश्वविद्यालयों में तथा स्कूल से ड्राप आउट उक्त आयु वर्ग के बच्चों का वैक्सिनेशन दो दिनों में पूरा कराना है। आज बैठक के दौरान जानकारी मिली कि खेल विभाग, युवा कल्याण विभाग द्वारा कोई विवरण नहीं तैयार किया गया है जिसके लिए उन्हें आज ही टीकाकरण का विवरण तैयार पर प्रस्तुत करें और यदि दो दिनों में शत् प्रतिशत टीकाकरण नहीं कराया तो निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने निर्देशित किया कि सीबीएसई के कुल 160 और आईसीएसई के कुल 12 स्कूलों तथा जिले के सभी 397 हाई स्कूल और इंटर कालेजों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें कल से टीकाकरण करेंगी यह संस्था प्रमुखों/विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी कि वे बच्चों का शत् प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करायें। जिन स्कूलों में लापरवाही पायी गयी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए वेतन रोक दिया जायेगा। स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों द्वारा वैक्सिनेशन कार्य में लापरवाही सामने आने पर वेतन रोकने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया। विश्वविद्यालयों के स्तर पर भी बड़ी लापरवाही पाये जाने पर आज ही वहां के रजिस्ट्रार को एडवर्स इंट्री देने का निर्देश देने के साथ ही दो दिनो में 100% वैक्सिनेशन नहीं कराये जाने पर शासन को कार्यवाही हेतु पत्र लिखे जाने का निर्देश दिया। उनके आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के अन्तर्गत कल से सभी विश्वविद्यालयों को टीकाकरण हेतु खोलने का निर्देश दिया है और आगाह किया है कि 16 जनवरी तक 100% वैक्सिनेशन नहीं हुआ तो विश्वविद्यालयों के समस्त स्टाफ का वेतन लक्ष्य पूरा होने तक जारी नहीं होगा।
आपदा में अवसर वाले अस्पतालों को इलाज की अनुमति नहीं मिलेगी
वाराणसी। कोविड-19 की सेकेंड वेव में जिन अस्पतालों ने आपदा में अवसर तलाशने का काम किया था और मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया था। इस बार ऐसे अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज नहीं होगा। डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि दूसरी लहर में कोविड-19 ने हर तरफ तबाही मचाई थी। शायद ही कोई ऐसा परिवार या उनके जानने वाला इससे अछूता रहा हो। लेकिन कई ऐसे अस्पताल थे जो बिना पैसे के इलाज तो दूर मनमाने दाम पर दवाओं की बिक्री कर रहे थे। उस समय शिकायतें मिली और उनकी रिपोर्ट भी शासन स्तर पर भेजी गई थीं। इसबार ऐसे लोगों को सूचीबद्ध कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। डीएम कौशल राज ने कहा कि कोविड संक्रमण की आगे क्या स्थिति रहेगी, यह अनुमान लगाना कठिन है। लेकिन दीनदयाल, बीएचयू, बीआरडब्ल्यू, रेलवे , कैंसर अस्पताल समेत कई को कोविड मरीज के लिए बेड सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।