हाल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोधगया पहुंचे थे। बोधगया में नीतीश कुमार ने विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इस दौरान नीतीश कैबिनेट के मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी भी मौजूद रहे। इसको लेकर खूब विवाद पैदा हो गया। दरअसल, विष्णुपद मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश की इजाजत नहीं है। बावजूद इसके कैबिनेट मंत्री इसमें शामिल हुए। इसको लेकर पुजारियों ने भी रोष प्रकट किया था। वहीं भाजपा नीतीश कुमार पर ही हमलावर हो गई। इन सबके बीच 21 आचार्यों ने मंदिर का शुद्धिकरण किया है। शुद्धीकरण के लिए पूजा पाठ और हवन किया गया। जानकारी के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राज्य में कैबिनेट मंत्री इसराइल मंसूरी के द्वारा गया में विष्णुपद मंदिर के दर्शन करने के बाद 21 आचार्यों ने मंदिर का ‘शुद्धिकरण’ किया।
विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति अध्यक्ष शम्भु नाथ बिट्ठल ने बताया कि मुस्लिम समाज के मंत्री आए थे जिसके बाद लोगों में मंदिर की अशुद्धि की भावना थी जिसके बाद भगवान विष्णु की पूजा की। हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि उनको बर्खास्त किया जाए। हमारे यहां गैर-हिंदू का बोर्ड भी लगा है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दूसरे धर्म में आस्था रखने वाले राज्य के मंत्री को एक प्राचीन मंदिर में ले जाकर हिंदू संवेदनाओं को जानबूझकर आहत करने का आरोप लगाया। इस मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। पसमांदा मुस्लिम समाज से आने वाले मंसूरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के साथ मंदिर के दर्शन का अवसर पाकर मैं खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं।’’ मंसूरी के पास सूचना प्रौद्योगिकी विभाग है।
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बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं। क्या वह मक्का के अंदर प्रवेश करने के बारे में सोच सकते हैं।’’ जायसवाल ने पूछा कि हिंदुओं को हमेशा सहिष्णुता के नाम पर अपनी धार्मिक संवेदनाओं को क्यों समायोजित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री माफी मांगने से इनकार करते हैं तो उन्हें राज्य विधानसभा सहित हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पडेगा।’’ नीतीश कुमार ने पूरे मामले को लेकर भाजपा पर ही निशाना साधा। (जद-यू) नेता ने पूछा कि वे (भाजपा) बेवजह के मुद्दों को उठाकर समाज को बांटना चाहते हैं। उनकी क्या शिकायत है? क्या उनके मंत्री मेरे साथ मंदिरों में नहीं गए हैं।