बनारस समेत देशभर में रोज मिल रहे 35 हजार संक्रमित


(आलोक श्रीवास्तव)
वाराणसी (काशीवार्ता)। कोरोना का बढ़ता संक्रमण और लोगों का संजीदा न होना नित नये रिकार्ड बनाता जा रहा है। आलम यह है कि बनारस समेत देशभर में रोज लगभग 35 हजार संक्रमित पाये जा रहे हैं। बावजूद लोग इससे बचाव के उपाय मानने को तैयार नहीं हैं। पुलिसकर्मी हो या आम जन-मानस किसी के माथे पर सिलवटें नहीं पड़ रही हैं और बिना मास्क लगाए शासन/प्रशासन की सख्ती के बाद भी बाजारों में घूम रहे हैं। जिसका नतीजा कोविड-19 का एक दिन में रिकॉर्ड 34,956 मामला आने के साथ शुक्रवार को संक्रमण के मामलों की संख्या 10 लाख को पार कर गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज प्रात: जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 10,38,716 हो गए जबकि एक दिन में 671 लोगों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा 26,273 हो गया है। बावजूद बाजारों को देखकर ऐसा महसूस होता है कि कोरोना का संक्रमण समाप्त हो चुका है। यही कारण है कि जनपद में 17 जुलाई को देर रात आई एक रिपोर्ट में 19 पुलिसकर्मी, वीवीआइपी स्थल सर्किट हाउस के दो कर्मी सहित लगभग 90 लोग कोरोना से संक्रमित पाये गए।
लॉकडाउन का नहीं पड़ा असर- पूरे देश मे कोरोना के जब लगभग 5 सौ मामले थे तो पीएम मोदी ने बिना किसी तैयारी के पूरे देश मे 21 दिन का लॉकडाउन लगाकर कोरोना की चेन को रोकने का प्रयास किया और हवाई सेवा के साथ ही सभी परिवहन सेवाओं को बन्द कर दिया। बावजूद इसके बढ़ती मरीजों की संख्या ने पीएम मोदी के माथे पर बल ला दिए और उन्होंने 21 दिन बाद पुन: 19 दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर दी। पीएम मोदी के लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही प्रवासी श्रमिकों के सब्र का बांध टूटने लगा और वो अपने गृह जनपद जाने के लिए सड़कों पर उतर आई। जिसको देखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार को इन प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतब्य तक पहुंचाने के लिए परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करनी पड़ी जिसके पश्चात स्थिति बद से बदत्तर होती चली जा रही है।
168 दिनों में पूरे देश में आंकड़ा 10 लाख के पार
पूरे देश मे 21 मार्च को 5 सौ के आंकड़े ने जब पार किया तो जनता में इस बात का भय व्याप्त हो गया कि कहीं वो भी संक्रमित न हो जायें। जिसके चलते मार्च माह में जब लॉकडाउन लगाया गया

तो जनता ने सरकार के नियमों का भरपूर साथ दिया। जिसके चलते 130 करोड़ की आबादी वाले हमारे देश में लगभग 109 दिन में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग एक लाख हो गई। इस दौरान सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए दिए छूट का बेपरवाह जनता ने मजाक बनाकर रख दिया। स्थिति यह हो गई कि 18 मई से 2 जून के मध्य 15 दिनों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 2 लाख हो गई। कोरोना के बढ़ते मामले को देख सरकार लगातार अपील करती रही लेकिन स्थिति सुधारने के बजाय दिन प्रतिदिन बिगड़ती चली जा रही है। दो लाख से तीन लाख कोरोना के पॉजिटिव मरीज की संख्या 10 दिन में हो गई। 3 से 4 लाख आठ दिन, 4 से 5 लाख छ: दिन, 5 से 6 व 6 से 7 लाख पांच दिन, 7 से 8 लाख चार दिन में हो गई। अब प्रत्येक तीन दिन में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या एक लाख बढ़ रही है। जो अत्यंत ही चिंतनीय है।