कोरोना काल में फीस वसूली का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों को दिए 15 फीसदी कटौती के आदेश


नई दिल्ली, मई 4: कोरोना काल में निजी स्कूलों के बंद होने के बाद भी फीस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों को स्टूडेंट्स से सेशन 2020-21 की वार्षिक फीस लेने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने स्कूल संचालक को यह भी आदेश दिया है कि वो राज्य के मुताबिक फीस एक्ट के तहत शैक्षणिक सत्र के आधार पर छात्रों से वार्षिक फीस तय करेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि निजी स्कूल संचालक छात्रों की वार्षिक फीस में 15 फीसदी की कटौती करें क्योंकि छात्रों ने इस साल वह सुविधाएं नहीं ली है, जो वो स्कूल के दौरान लेते थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों को “स्वेच्छा से और लगातार” के हिसाब से फीस कम करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला राजस्थान के निजी स्कूलों की अपील पर सुनाया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई दी है, जिसमें जिसने राज्य के सीबीएसई स्कूलों को केवल 70% और राज्य बोर्ड स्कूलों को वार्षिक स्कूल शुल्क का केवल 60% फीस लेने की अनुमति दी थी।

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि यह फीस 8 फरवरी 2021 से 5 अगस्त 2021 तक 6 समान किश्तों में ली जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने यह भी साफ किया कि किसी भी छात्र की फीस जमा नहीं होने पर स्कूल ना तो उसका नाम काटेगा और ना ही उसे ऑनलाइन या फिजिकल क्लास में शामिल होने से रोकेगा। इसके साथ यह भी आदेश दिए कि परीक्षा परिणाम में भी कोई अचड़न नहीं लगाई जाएगी।