वाराणसी (काशीवार्ता)। रंगोत्सव के महापर्व होली पर बाजार बूम है। सर्वाधिक बिक्री इन दिनों रेडिमेड वस्त्रों, मिष्ठान की दुकानों, फुटवियर (जूते-चप्पल), अण्डर गारमेंट्स समेत अन्य उपयोगी वस्तुओं की दुकानों पर देखी जा रही है। वहीं रंगों के त्योहार पर अबीर गुलाल, रंग पिचकारी व स्वादिष्ट व्यंजनों की बिक्री न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। इनके बिना तो त्योहार का रंग फीका व बाजार बदरंग हो जायेगा।
रंगोत्सव पर ग्राहकों को रिझाने के लिए जहां रेडीमेड वस्त्रों व जूतों व चप्पलों के बड़े शोरूम तथा दुकानों पर बंपर छूट दी जा रही। वही त्योहार पर मिलने वाली इस छूट का मौका ग्राहक भी अपने हाथों से निकलने देना नहीं चाह रहे।छूट की लूट के लिए खरीददारी की बंपर भीड़ उमड़ रही है। शाम को शापिंग माल व शो रूम पर ग्राहकों की उमड़ने वाली भीड़ के द्वारा जमकर खरीददारी की जा रही है। हर कोई अपने-अपने हिसाब से खरीददारी में जुटा है। बाजारों में महिलाओं-युवतियों की खरीददारी को उमड़ने वाली भीड़ बता रही कि मंदी की मार झेल रहे बाजार को कुछ हद तक राहत जरूर मिलेगी और होली पर्व पर बाजार बूम जरूर करेगा। रेडीमेड वस्त्रों व फुट वियर पर 30 से 50 फीसद की बंपर छूट ग्राहकों को राहत देने वाली है। लोग न चाहकर भी इस छूट का लाभ लेने को खरीददारी कर रहे हैं। पटरी-बाजार में भी छायी है रौनक-शहर बनारस में पटरी व्यवयायी का भी अपना एक अलग महत्व है। होली पर्व को देखते हुए शहर के गली-मुहल्लों व सड़क की पटरियों व स्थायी व अस्थायी दुकानें सज गयी है। ऐसी दुकानों पर खरीददारी करने वालों का एक बड़ा वर्ग है जो शापिंग माल व बड़े-बड़े शो रूम में न जाकर अपनी जरूरत की चीजों को ऐसी ही दुकानों से पूरी करता है। ऐसे वर्ग को लुभाने के लिए अबीर-गुलाल, रंग, पिचकारी की दुकानों के साथ ही जूते चप्पलों की दुकान, चिप्स पापड़ व अन्य गृहस्थी के सामानों की बिक्री की जा रही है। रंग-पिचकारी के लिए बच्चों में मची होड़-रंगों का त्योहार रंग पिचकारी अबीर-गुलाल के बिना अधूरा है। रंगभरी एकादशी से पूर्व ही इसकी बिक्री जोरों पर है। वही त्योहार को देखते हुए बच्चों में रंग पिचकारी
के लिए होड़ सी मची है। अपने
माता-पिता के बच्चे रंग पिचकारी के लिए दुकानों पर जिद करते देखे जा सकते हैं।