कोरोनाः लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते, तीसरी-चौथी लहर के लिए पुख्ता तैयारी रखें: गुजरात HC


कोरोना के कम होते मामलों के बाद सरकार को अब टीकाकरण पर अपना पर जोर देना है. देश में किस तरह से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जाए, कैसे वैक्सीन की सप्लाई को जल्द ज्यादा किया जाए, इस सब पर ध्यान देने की जरूरत है. इसी कड़ी में गुजरात हाई कोर्ट की तरफ से भी राज्य सरकार को कई तरह की सलाह दी गई हैं. ऐसी ही एक सलाह है स्पॉट वैक्सीनेशन.

मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात हाई कोर्ट की तरफ से रुपाणी सरकार को कहा गया है कि वे स्पॉट वैक्सीनेशन पर भी ध्यान दें. जो लोग फोन के जरिए खुद को वैक्सीन लगवाने के लिए रेजिस्टर नहीं कर पाते हैं, उन्हें भी समय रहते वैक्सीन लगे, ये बहुत जरूरी है. ऐसे में स्पॉट वैक्सीनेशन की सुविधा होनी चाहिए जिससे कोई भी शख्स सीधे सेंटर पर आकर वैक्सीन लगवा सकता है. कोर्ट ने कहा है कि राज्य में अगर 100 जगहों पर टीका लगाया जा रहा है तो कम से कम 20 जगहों पर तो स्पॉट वैक्सीनेशन की सुविधा मिलनी चाहिए. ऐसा होने से टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाया जा सकेगा और सभी को समय रहते टीका भी लग जाएगा. कोर्ट की तरफ से सरकार को ये भी कहा गया है कि समय रहते वे अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करें और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर बनाएं.

कोर्ट ने क्या चेतावनी दी है?

कोर्ट ने दलील दी है कि देश में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं, उनकी तरफ से कई बार मास्क भी नहीं पहना जाता है, सैनिटाइजेशन पर भी ज्यादा ध्यान नहीं रहता है, ऐसे में सरकार को भी कोरोना की तीसरी और चौथी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए और इसके लिए पहले से पुख्ता तैयारी कर लेनी चाहिए. वहीं कोर्ट ने ये भी कहा है कि देश में चीन जैसे सख्त नियम लागू नहीं किए जा सकते हैं, ऐसे में सरकार को सिर्फ स्वास्थ्य सेवाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने पर जोर देना चाहिए.

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ब्लैक फंगस पर क्या बोला है?

गुजरात में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर भी हाई कोर्ट की तरफ से चिंता जाहिर की गई है. अभी इंजेक्शन के डिस्ट्रीब्यूशन पर भी काफी सवाल उठ रहे हैं, ऐसे में कोर्ट की तरफ से भी इस पर जवाब मांगा गया है. गुजरात सरकार ने जानकारी दी है कि उनकी तरफ से इंजेक्शन को म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को दिया गया है ताकि उनके मेडिकल ऑफिसर की टीम जांच कर कर लोगों को इंजेक्शन मुहैया करवा सके.