वाराणसी में कोरोना की दूसरी लहर: अप्रैल में सबसे ज्यादा मामले, मई माह में सबसे ज्यादा मौत


वाराणसी । कोरोना की दूसरी लहर का असर अब कम पड़ने लगा है। ऑक्सीजन-बेड के लिए अब मारामारी नहीं है। मौत का आंकड़ा थम गया है। एक्टिव केस भी घटे हैं। इससे ठीक एक माह पहले हालात विकट थे। हर कोई डरा-सहमा था। महामारी कब-किसे ग्रास बना लेगी, इसकी चिंता सबके चेहरे पर थी। होली के बाद कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। 

वाराणसी में बुधवार तक तक मिले 81,009 कुल मामलों में 50,792 मरीज तो दो महीने में ही मिल गए। पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक रही। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक अप्रैल से शुरू दूसरी लहर में सबसे ज्यादा 65 फीसदी पुरुष संक्रमित हुए जबकि 35 फीसदी महिलाओं ने भी कोरोना से जंग लड़ी। अप्रैल में कुल 42,740 मरीज मिले और 176 लोगों की मौत भी हुई। मई में संक्रमित मरीजों के मिलने का आंकड़ा अप्रैल के मुकाबले 26 हजार कम हुआ और 16,332 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई, लेकिन मौत का आंकड़ा बढ़ गया। मई में सबसे ज्यादा एक माह में 199 की मौत हुई। वहीं, दूसरी लहर में अब तक दो माह में कुल 50,792 नए मरीजों में सबसे सबसे ज्यादा 38,396 पुरुषों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जबकि 20,676 महिलाएं भी संक्रमित हुई हैं। 

दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ने और मौत अधिक होने के पीछे ऑक्सीजन की कमी के साथ ही कोविड अस्पतालों में बेड का संकट भी मुख्य वजह माना जा सकता है। मई के पहले सप्ताह से ऑक्सीजन और बेड का संकट भी दूर हुआ है। पहले सप्ताह में तो एक दिन में 15 से 20 मौत होती थी। जो अब 10 से नीचे आ गई है। बीते बुधवार को 65 दिन के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि कोरोना से एक भी मौत दर्ज नहीं हई। बीते दिन 39 नये मामले सामने आए तो वहीं आज सुबह की रिपोर्ट में केवल 18 नए मरीज मिले। एक्टिव मरीजों की संख्या भी अब एक हजार से कम हो गई। 

संक्रमण दर में ऐसे आई गिरावट जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर एसएस कन्नौजिया ने कहा कि अप्रैल की तुलना में मई महीने में संक्रमण दर में भी तेजी से गिरावट आई है। अप्रैल में संक्रमण दर 40 से 45 प्रतिशत तक पहुंच गया था। मई में शुरू में 15 से 20 प्रतिशत और अब घटकर 5 फीसदी तक संक्रमण दर आ गया है। इसमें भी एक दिन तो एक फीसदी से भी कम संक्रमित थे। कोरोना कर्फ्यू और जागरूकता से ऐसा हुआ है। महिलाओं के मुकाबले दूसरी लहर में पुरुष ज्यादा संक्रमित हुए हैं। पुरुषों को बाहर निकलना पड़ता है। लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की जा रही है।