गर्भवती महिलाओं संग देश की बड़ी आबादी का हो वैक्सीनेशन


वाराणसी (काशीवार्ता)। मानना पड़ेगा कि कोरोना की दूसरी लहर से लड़ते समय हमारी व्यवस्था नाकाफी थी, जिसके चलते काफी संख्या में लोगों को इस महामारी की विभिषिका का शिकार होना पड़ा। गर्भवती महिलाओं के उपर इसका कहर ज्यादा दिखा साथ ही पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस के चलते हजारों लोगों को अपनी आंखे गवानी पड़ी । भविष्य में ऐसा न होने पाये इससे बचने के लिये सरकार को स्वास्थ्य सेवावों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी पड़ेगी और गर्भवती महिलाओं सहित देश की बड़ी आबादी का वैक्सिनेशन प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना चाहिये। पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउन्डेशन के तत्वावधान में चल रही वर्चुअल परिचर्चा स्वास्थ्य सेवावों की दशा और दिशा के अन्तर्गत गुरुवार को हुई परिचर्चा में गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव और बचाव एवं ब्लैक फंगस का आंखो पर पड़ने वाले “प्रभाव और बचाव” विषय पर अपना मत प्रकट करते हुये डाक्टरों के पैनल ने व्यक्त किया । परिचर्चा शुरू करते हुये डा. अनुराग ने कहा कि ब्लैक फंगस की बीमारी से लोगों को भयक्रांत होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ब्लैक फंगस की बीमारी उन्ही को होती है जिनका इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ज्यादा कमजोर होती है , अथवा जो हाई डायबटिक होते हैं। परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुये प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमृता टंडन ने बताया कि कि समाचार पत्रों में गर्भवती महिलाओं में कोरोना के लेकर बहुत सारी भ्रामक खबरें प्रचारित हो रही हैं जिससे कि गर्भवती महिलाओं में भय का माहौल पैदा हो गया है, जबकि इससे कतई भयक्रांत होने की जरूरत नहीं है , जो करोना प्रोटोकाल है उसे गर्भवती महिलाओं को भी फॉलो करना है। यदि किसी गर्भवती महिला को करोना हो गया तो जो भी कोरोना से बचाव के उपाय हैं वह एक सामान्य महिला की तरह गर्भवती
महिलाओं को भी अपनाना चाहिये । प्रसिद्ध प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शालीनी टन्डन ने कहा की गर्भवती महिलाओं के ऊपर करोना बीमारी का जितना खतरा है उतना ही आम महिला के ऊपर भी है अगर कोरोना प्रोटोकॉल के अंतर्गत बताए गए नियमों का पालन किया जाए तो महिलाओं को अलग से इलाज की आवश्यकता नहीं होगी । बिना डॉक्टर की सलाह के ना तो किसी तरह की दवाइयां ले और ना ही भयभीत हों , उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए जिससे महिला के साथ साथ उसके होने वाले बच्चे को भी सुरक्षा मिले।उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक गर्भवती महिला हर हाल में अपने मनोबल को मजबूत बनाये रख्खें और सकारात्मक सोच के साथ सा खुद को प्रसन्न रखने की आदत डालें इससे हर बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है। संचालन विजयकृष्ण अन्नू ने तथा तकनीकी संचालन पुनीत मिश्रा ने किया।