टेन चलाकर बेटियों ने बढ़ाया काशी का मान


वाराणसी। विश्व महिला दिवस के खास मौके पर आज मंडुवाडीह स्टेशन से बेटियों ने टेÑन चलाकर काशी का मान बढ़ाया। भारतीय रेल में उन महिलाओं के बारे में आज हम बात करने जा रहे हैं जो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर वह कठिन कार्य कर रही है जो कल तक सिर्फ पुरुष प्रधान समाज के लिए ही उचित समझा जाता था। पटरी पर ट्रेन दौड़ाना हो या फिर रेलवे का कोई टेक्निकल काम करना, इन महिलाओं के जिम्मे ही सारा काम भारतीय रेल ने भरोसे के साथ दे रखा है। बनारस की रहने वाली प्रिया राय 2014 से भारतीय रेल में बतौर लोको पायलट काम कर रही हैं। आज वह ट्रेन लेकर रवाना हुई तो लोग तालियां बजाने पर मजबूर हो गये। इसके पहले वह उन सारे काम को करती दिखाई दी जो एक लोको पायलट पुरुष करता है। पूरे इंजन को चेक करना और उसके बाद उसे सकुशल लेकर रवाना होना यह इनका रोज का काम है। इसके अलावा कई अन्य महिला कर्मचारी भी है। जो भारतीय रेल के कामों को आगे बढ़ाकर देश और महिलाओं का मान बढ़ा रही हैं। अधिकारियों का भी कहना हैं कि महिलाओं की हर जरूरत को पूरा करते हुए उनका ध्यान रखना भारतीय रेल की जिम्मेदारी है। यहीं वजह है कि वह आज नौकरी कर रही हैं और अपने पैरों पर खड़े होकर समाज में महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रही है। पूर्वोत्तर रेलवे की सीनियर सहायक लोको पायलट प्रिया राय गाड़ी संख्या- 55122 मंडुवाडीह-भटनी पैसेंजर और सीनियर सहायक लोको पायलट सुनीता कुमारी मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन से गाड़ी संख्या-55125 मंडुवाडीह-प्रयागराज रामबाग पैसेंजर को लेकर रवाना हुर्इं। महिला गार्ड की हरी झंडी दिखाते ही जैसे ही इंजन चला प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। इसी क्रम में पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन से भटनी के बीच चलने वाली पैसेंजर गाड़ी संख्या-55115 में सीनियर सहायक लोको पायलट के रूप में श्वेता यादव, गार्ड सोनाली कुमारी, चेकिंग स्टाफ के रूप में टीटीई ममता कुमारी, प्रतिमा कुमारी, निशा कुमारी तथा सुरक्षाकर्मी के रूप में आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक अर्चना उपाध्याय, हेड कांस्टेबल बिंदु, कांस्टेबल बिन्नू तथा सुमन एवं गरिमा कामना संभाल रही हैं।