चलती ट्रेन में चढ़ना कितना खतरनाक होता है, इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में देखने को मिल गया जब एक पांच साल की बच्ची चलती ट्रेन के नीचे आ गई. अब अगर समय रहते उस ट्रेन को रोका नहीं जाता तो वो मासूम अपनी जान से हाथ धो बैठती. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई. इसका श्रेय स्टेशन पर तैनात उन जीआरपी के जवानों को गया जिन्होंने समय रहते एक्शन लिया और ट्रेन की चेन खींच दी.
जानकारी मिली है कि रीवा के रहने वाले राम रहीम कोल अपने परिवार के साथ जोधपुर मजदूरी के लिए ट्रेन से जा रहे थे. लेकिन जैसे ही एक नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंचे तो हावड़ा बीकानेर ट्रेन चलने लगी. तभी पांच साल की बच्ची सीमा को लेकर उसकी मौसी ने चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास किया. इस वजह से सीमा ट्रेने के नीचे आ गई और रेलवे स्टेशन पर चीख-पुकार मच गई. ये नज़ारा देख हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए और सभी उस बच्ची को बचाने के लिए चिल्लाने लगे. तभी वहां खड़े जीआरपी के जवानों की उस बच्ची पर नजर पड़ी और उन्होंने बिना समय गंवाए सबसे पहले चलती ट्रेन की ही चेन खींची.
जब ट्रेन रुक गई तब सुरक्षित अंदाज में उस बच्ची को बाहर निकाल लिया गया और फिर परिवार को भी सौंप दिया गया. बताया गया है कि एसएसआई सुधीर कुमार,एसआई अजीत शुक्ला,एसआई ममता यादव ने ट्रेन की चेन खींची थी और एसएसआई सुधीर कुमार और ममता यादव ने बच्ची को ऊपर खींचने का काम किया. ऐसे में इन जवानों के संयुक्त प्रयास से एक पांच साल की बच्ची को जीवनदान मिल गया और सभी ने उनकी दिल खोलकर तारीफ की.
– प्लेटफार्म-ट्रेन के बीच फंसा पैसेंजर, जवानों ने बचाई जान
वैसे ये पहली घटना नहीं है जहां पर जवान देवदूत बने हों और उनकी वजह से किसी की जान बच गई हो. सिर्फ राज्य बदलते हैं, स्टेशन दूसरे होते हैं, लेकिन जवानों की वो बहादुरी समान रहती है जिस वजह से समय रहते कई लोगों की जान बच जाती है. प्रयागराज के इस केस में भी अगर समय पर जीआरपी के जवान अपनी सूझबूझ नहीं दिखाते तो उस पांच साल की बच्ची की जान बचाना बड़ी चुनौती साबित होता.