नई दिल्ली, । भारत में तैयार की गई कोवैक्सीन जल्द ही डब्लूएचओ इमरजेंसी यूज की सूची में शामि हाे सकती है। कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के निर्माता कंपनी भारत बायोटेक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को टीके के अंतर्राष्ट्रीय इमरजेंसी यूज सूची (ईयूएल) के लिए एक ‘प्री-सबमिशन’ बैठक की। बैठक का उद्देश्य हैदराबाद स्थित बॉयोटेक कंपनी को वैक्सीन के लिए अंतिम रूप से प्रस्तुत करने से पहले विश्व निकाय से मार्गदर्शन प्राप्त करने का मौका देना था। डब्ल्यूएचओ ने पहले भारत बायोटेक से कोवैक्सिन के लिए ईओआई स्वीकार की थी।
डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार, ईयूएल उस प्रक्रिया के लिए वो प्रक्रिया है जिसके द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य इमरजेंसी स्थितियों के दौरान नए या बिना लाइसेंस वाले उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है। कंपनी पहले ही कोवैक्सिन के लिए ईयूएल प्राप्त करने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज सम्मिट कर चुकी है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान उपयोग की जाने वाली जोखिम-आधारित प्रक्रिया के रूप में नए या बिना लाइसेंस वाले उत्पादों को ईयूएल प्रदान करता है। अब तक सात टीकों को ईयूएल दिया गया है। इसमें कोविशील्ड, फाइजर, मॉडर्न और अन्य शामिल हैं।
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EUL प्राप्त करने के लिए, Covaxin को गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता की उचित संभावना शो करनी होगी। यानी जिस बीमारी के लिए वैक्सीन बनाई गई है वह गंभीर या तुरंत जीवन के लिए खतरा है, जिसमें महामारी भी शामिल है और जिसमें साफ हो कि एक महत्वपूर्ण जनसंख्या (जैसे बच्चे) के लिए कोई लाइसेंस प्राप्त उत्पाद नहीं है। उत्पाद एक कार्यात्मक गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के तहत निर्मित है।
कोवैक्सीन निर्माता ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को तीसरे चरण दैनिक टेस्ट के लिए डेटा भी प्रस्तुत किया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से विकसित किया गया टीका उन तीन टीकों में से एक है जो वर्तमान में देश में उपयोग किए जा रहे हैं।