कोरोना के इस संकट काल में दुनियाभर के टूरिज्म डेस्टिनेशन बंद पड़े हैं, जिससे टूरिज्म, होटेल और एविएशन इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हुआ है. इसी बीच मालदीव की सरकार ने 15 जुलाई से अपनी सीमाओं को दक्षिण एशियाई देशों के लिए खोलने का ऐलान किया है. राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार 1 से 15 जुलाई के बीच समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करती रहेगी.
ये उन भारतीय के लिए भी बड़ी राहत की खबर है जो लंबे समय से विदेश घुमने के इंतजार में बैठे हुए थे. माले स्थित पर्यटन मंत्रालय ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि यहां आने वाले पर्यटकों को सिर्फ निगेटिव RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी. मालदीव दक्षिण एशिया से आने वाले पर्यटकों के लिए 15 जुलाई से टूरिस्ट वीजा जारी करना शुरू करेगा.
इस बीच, टूर ऑपरेटर्स ने भी मालदीव आने के लिए भारतीयों को रिझाना शुरू कर दिया है. अपने ट्विटर हैंडल पर वे इसे ‘ट्रिप टू एडवेंचर्स’ बता रहे हैं. बता दें कि मालदीव अपने खूबसूरत आईलैंड के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. भारतीयों के लिए ये बेस्ट हनीमून डेस्टिनेशन के रूप में भी काफी लोकप्रिय है.
मालदीव की इकोनॉमी इसके टूरिज्म सेक्टर पर बहुत ज्यादा निर्भर है. मालदीव काफी समय से स्थिति के सामान्य होने की प्रतीक्षा में था ताकि वो फिर से अपने टूरिज्म बिजनेस को शुरू कर सके. कोरोना की दूसरी लहर में भी माले लगभग आखिरी ऐसी डेस्टिनेशन थी जिसने अपनी सीमाएं टूरिस्ट के लिए बंद की थीं. कोरोना काल में मालदीव की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान हुआ है