Tokyo Olympics 2020 : सौरभ चौधरी नहीं जीत पाए पदक, पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में हारे


भारत के युवा निशानेबाज सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) टोक्यो ओलिंपिक-2020 (Tokyo Olympics-2020) में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद पदक हासिल करने से चूक गए हैं. उन्हें फाइनल में सातवां स्थान मिला. फाइनल में उनका कुल स्कोर 137.4 रहा. इससे पहले सौरभ ने क्वालीफिकेशन राउंड में पहले स्थान पर रहते हुए क्वालीफाई किया था.

इस भारतीय खिलाड़ी ने क्वालीफिकेशन में दमदार प्रदर्शन करते हुए पहले स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. सौरभ ने छह सीरीज में कुल 586 का स्कोर किया. सीरीज दर सीरीज देखा जाए तो सौरभ ने 95, 98, 98, 100, 98, 97 का स्कोर किया. उन्हें चीन के झांग वोबेन ने कड़ी चुनौती दी. इन दोनों में पहले और दूसरे स्थान की रेस चलती रही जिसमें भारतीय निशानेबाज आगे निकल गए. झांग दूसरे स्थान पर रहे. जर्मनी के रेइट्ज क्रिस्टियन से इन दोनों खिलाड़ियों को शुरू में अच्छी चुनौती मिली लेकिन वह इन दोनों को पीछे नहीं कर पाए और तीसरे स्थान पर रहे. झांग ने भी कुल 586 का स्कोर किया और तीसरे स्थान पर रहने वाले जर्मन खिलाड़ी ने 584 का स्कोर किया. कुस आठ निशानेबाजों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है. सौरभ ने इसी के साथ भारत की पदक की उम्मीदों को बढ़ा दिया है.

अभिषेक नहीं कर पाए क्वालीफाई

इसी इवेंट में भारत के एक और पुरुष निशानेबाज अभिषेक वर्मा ने भी हिस्सा लिया. अभिषेक हालांकि अपने प्रदर्शन से प्रभावित नहीं कर पाए और 17वें स्थान पर रहे. अभिषेक ने 94, 96, 98, 97, 60 के साथ कुल 575 का स्कोर किया. अभिषेक एक समय शीर्ष-5 में आ गए थे लेकिन फिर वह शीर्ष-10 से भी बाहर हो गए और फाइनल में जाने से चूक गए.

महिलाओं ने किया निराश

इससे पहले भारतीय महिला निशानेबाजों ने किस्मत आजमाई लेकिन वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं. महिलाओं की 10 मी. एयर राइफल के क्वालिफिकेशन राउंड में भारत की इलावेनिल और अपूर्वी चंदेला का निशाना चूक गया. इन दोनों में से कोई भी भारतीय शूटर फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सका. अपना पहला ओलिंपिक खेल रहीं इलावेनिल 626.5 अंक बटोरकर 16वें स्थान पर रहीं वहीं उनसे ज्यादा अनुभवी अपूर्वी का हाल और भी बुरा रहा. असाका के शूटिंग रेंज में अपूर्वी अपने निशाने से 621.9 अंक हासिल कर 36वें नंबर पर रहीं. टोक्यो ओलिंपिक में निशानेबाजी का ये पहला इवेंट था, जिसमें भारत के मेडल जीतने की उम्मीद खत्म हो गई है.