वाराणसी (काशीवार्ता)। वाराणसी में गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर बहने से आसपास के 58 गांव बाढ़ ग्रसित हो चुके हैं। जिसे लेकर लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद स्थिति का हाल जानने के लिए वाराणसी पहुंचे। इस दौरान सीएम योगी ने पहले सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय में बने हैलीपेड पर हेलीकॉप्टर से पहुंचे ।
बाद में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचे। मुख्यमंत्री ने राजघाट से एनडीआरएफ के मोटर बोट से पुराना पुल तक दौरा कर गंगा एवं वरुणा के बढ़े जल स्तर को देखा। उन्होंने सरैया स्थित आलिया गार्डन में बनाए गए राहत केंद्र में रह रहे बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना तथा भरोसा दिया कि चिंता की कोई बात नही, आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। हर संभव उनकी मदद की जाएगी। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। उन्हें निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेपी मेहता इंटर कॉलेज राहत केंद्र पर पहुंचे और यहां पर रह रहे 60 से अधिक बाढ़ प्रभावित परिवारों के लोगों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और उन्हें मिल रहे राहत सुविधाओं की भी जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने लगभग 37 लोगों को राहत सामग्री भेंट किया। उन्होंने जेपी मेहता इंटर कॉलेज परिसर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मवेशियों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल का भी निरीक्षण किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 मिनी पोर्टेबल एवं तीन बड़े फागिंग मशीन कर्मियों के ग्रुप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।