वाराणसी में बाढ़: गंगा का कम हो रहा जलस्तर लेकिन परेशानी न हुईं कम, शिविरों में रह रहे लोगों को बीमारियों ने घेरा


बनारस में गंगा के जलस्तर में गिरावट हो रही है। हालांकि बाढ़ में कमी आने की वजह से अब पीछे छोड़े गए मलबे और कीचड़ से बीमारियों के सिर उठाने के खतरे भी बढ़ेंगे। शनिवार की सुबह गंगा का जलस्तर 71.51 मीटर दर्ज किया गया। गंगा अभी भी खतरे के निशान 71.26 मीटर से 25 सेमी ऊपर बह रही हैं। 

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, सुबह गंगा का जलस्तर 71.51 मीटर था। शुक्रवार सुबह 10 10 बजे गंगा का जलस्तर 72.23 मीटर था। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 85.47 मीटर, प्रयागराज में 84.55 मीटर व मिर्जापुर में 78.04 मीटर था। वहीं, गुरुवार की रात आठ बजे वाराणसी में गंगा का जल स्तर 72.32 मीटर था जो रात 12 बजे तक स्थिर बना रहा। इसके बाद घटाव शुरू हुआ। गंगा के ऊपरी हिस्से यानी फाफामऊ, प्रयागराज व मिर्जापुर में घटाव गुरुवार से ही शुरू हो गया था। देखें अगली स्लाइड्स…

फाफामऊ में दो सेमी से जल स्तर में घटाव हो रहा था तो प्रयागराज में तीन सेमी घटाव था। गंगा का लगातार घटते जलस्तर घटने के बाद कॉलोनियों सड़कों और घरों में जमा गाद और शिल्ट की सफाई करने को लेकर लोग परेशान होने लगे। बारिश का पानी कॉलोनियों में खाली प्लाट में भरने के कारण बदबू से लोग परेशान होने लगें।

बारिश ने बढ़ाई बीमारी, सतर्कता जरूरी 
बाढ़ का खतरा बढ़ने के साथ ही बारिश अब लोगों के लिए सेहत के लिए मुसीबत बनती जा रही है। मौसम के बदलाव बदलाव से डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर के मरीज भी अस्पताल पहुंचने लगे हैं। बाढ़ राहत शिविरों में बने अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र पर भी बुखार, जोड़ों में दर्द, खुजली की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं। रुक रुककर हो रही बारिश से भी लोग भीग रहे हैं।

ऐसे में सर्दी, खांसी, बुखार, पेट संबंधी बीमारियां भी होने लगी हैं। चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुंदजी श्रीवास्तव के अनुसार इस समय पानी में जाने से बचना चाहिए। नहीं तो शहरी में खुजली, दाने निकलने की समस्या हो सकती है।

अब डरा रही है रातें, पेयजल का भी संकट 
चारों तरफ पानी और खामोशी अब सामनेघाट के रहने वाले दर्जनों कालोनी वासियों को सताने लगी हैं। खास तौर पर अब रात काफी डरा रही है। एहतियातन दो दिन से बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोगों का घरों में रहना मुहाल हो गया है। मोबाइल तक चार्ज नहीं हो पा रहा है। इंवर्टर बैटरी भी डिस्चार्ज हो चुके हैं। यही कारण है कि लोग अब अपने घरों में ताला बंद करके सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचने लगे हैं।