सारनाथ( वाराणसी)। आशापुर रेलवे क्रॉसिंग को सोमवार की देर रात पूर्ण रूप से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया। गौरतलब हो रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के बाद कई माह से चल रहे क्रॉसिंग को बंद करने की कवायद सोमवार देर रात को हकीकत में बदल गई। परिणाम स्वरूप भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आशापुर रेलवे क्रॉसिंग को आवाजाही के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। इसको लेकर क्षेत्रीय नागरिकों में काफी आक्रोश देखा गया। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि आशापुर रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से अब इस क्षेत्र के दर्जनों दुकानदार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। विगत 2 वर्षों से कोरोना की मार झेल चुके इन दुकानदारों की कमर ऐसे ही टूट चुकी है। उसके बाद रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के दौरान भी इन दुकानदारों के धंधे पर काफी असर पड़ा था। निर्माण पूर्ण होने के बाद इनको आशा जगी थी कि शायद अब दुकानदारी पटरी पर आ जाए लेकिन रेलवे क्रॉसिंग के बंद हो जाने के बाद व्यापारियों का मनोबल पूरी तरीके से टूट गया। बताते चले आशापुर रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद से लोहिया नगर, हीरामणपुर, तिलमापुर, लेडूपुर, आशापुर गांव, आदि क्षेत्रों के हजारों नागरिकों को आवाजाही के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों का कहना है की सरकार एक तरफ सबका साथ सबका विकास की बात करती है यहां तो सबका सर्वनाश ही हो गया।
किराना व्यवसायी ने किया आत्मदाह
वाराणसी(काशीवार्ता)। सप्तसागर क्षेत्र में रहने वाले चालीस वर्षीय शरद कुमार केसरी नामक एक किराना व्यवसायी ने 15 अगस्त की रात अपने आवास में ही आत्मदाह कर लिया। इसके पीछे की वजह उसका मानसिक रूप से परेशान होना और मंद बुद्धि का होना बताया गया है। मृतक के शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।