वाराणसी (काशीवार्ता)। विगत डेढ़ वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना ने विश्व को आर्थिक रूप से परेशान करने के साथ ही देश के कई हिस्सों में तांडव मचाया। कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। धीरे-धीरे कोरोना का तांडव कम हुआ और अब हम पुन: आर्थिक गतिविधियों को गति देने में आगे बढ़ रहे हैं। कोरोना के घटते मामले के कारण अधिकांश राज्यों में पूर्ण एवं आंशिक लॉकडाउन खत्म हो गया है। बाजारों में रौनक पुन: लौट आई है और लोग पहले की तरह घरों से निकलकर काम पर जाने लगे हैं। बावजूद इसके सरकार द्वारा लगातार चेतावनी दी जा रही है कि कोरोना खत्म नहीं हुआ इसलिए सावधानी बरतें। परन्तु बाजारों की बढ़ती भीड़ को देख ऐसा लग रहा है कि काशीवासी कोरोना की दूसरी त्रासदी की भयावहता को भूल गए हैं। जबकि ज्यादातर देश कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका व्यक्त कर रहे है। जानकारों की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर के सितंबर माह में आने की पूरी संभावना है जो दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होगी। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने तीसरी लहर को देखते हुए 18 अगस्त को ही ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि तीसरी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह एलर्ट मोड पर है और सभी ब्लाकों पर कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त करते हुए स्पष्ट चेतावनी देते हुए सरकार को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सुझाव दिए हैं। श्री पाल ने कहा है कि कोरोना के तीसरी लहर की भयावहता दूसरी लहर से कहीं ज्यादा होगी। हर चार कोरोना संक्रमित मरीजों में से एक मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ सकती है।