नई दिल्ली,कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन सबसे कारगर हथियार है, यही वजह है कि सरकार लोगों से बढ़-चढ़कर वैक्सीन लगवाने की अपील कर रही है। बावजूद इसके देश में 1.6 करोड़ लोग कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने से चूक गए हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है लेकिन इन्हें दूसरी डोज नहीं लग सकी है। इन लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज अधिकतम 16 हफ्ते के बाद लगनी थी लेकिन ये लोग वैक्सीन नहीं लगवा सके हैं।
जिन 1.6 करोड़ लोगों को वैक्सीन नहीं लग सकी है उसमे से अधिकतर लोग बुजुर्ग हैं, जबकि बाकी के लोग वो हैं जिन्हें कोरोना का खतरा सबसे अधिक है, इसमे मुख्य रूप से स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है। 2 मई तक जितने लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगी थी उसी के आधार पर यह आंकड़ा सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2 मई के बाद 1.6 करोड़ लोगों को अबतक कोरोना की दूसरी डोज लग जानी चाहिए थी लेकिन उन्हें यह डोज नहीं लग सकी है।
सरकार ने 13 मई को 12-16 हफ्ते के भीतर कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दूसरी डोज लगाने की अनुमति दी थी, जोकि 85 फीसदी लोगों को पहले लग चुकी है। वहीं कोवैक्सिन के लिए 4-6 हफ्ते का अंतराल दिया गया है जिसके दौरान वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी है। सरकार की ओर से तय समय सीमा के भीतर दूसरी डोज 1.6 करोड़ लोगों को नहीं लग सकी है। सरकारी आंकड़े के अनुसार 12.8 करोड़ लोगों को 2 मई तक कोरोना की पहली डोज लग चुकी थी। इसमे से 11.2 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है।
कोरोना की तीसरी लहर में हर दिन आ सकते हैं 4-5 लाख नए मामले, महाराष्ट्र ने कहा-हम लड़ने के लिए तैयार
वहीं 60 साल से अधिक उम्र वाले ए करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, जबकि 45-59 साल के 45 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। 12 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लग चुकी है जबि 1.8 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है, लेकिन सोमवार तक इन लोगों को दूसरी डोज नहीं लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह दी गई है कि लोग कोविन ऐप पर स्लॉट नहीं बुक कर पा रहे हैं।