तमाशबीन बन गये चौराहों पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी


वाराणसी (काशीवार्ता)। यातायात व्यवस्था को आम नागरिकों के लिए सुगम बनाने के लिए समूचे शहर के प्रमुख चौराहों पर तैनात किये गये यातायात पुलिस विभाग के जवान खुद परेशानी का सबब बन गये हैं। परिणामस्वरुप नगर की सभी प्रमुख सड़कों पर भीषण जाम की समस्या से आम जनजीवन रोजाना जूझ रहा है और उनकी यात्रा को सुगम बनाने की लिहाज से तैनात पुलिसकर्मी तमाशबीन की तरह मूक बनकर सबकुछ देख रहे हैं। नागरिकों को यातायात पुलिस की चौराहों पर मौजूदगी की वजह ही समझ में नहीं आ रही है और वह जाम की समस्या से जूझने को विवश हैं। लंबे अरसे से जाम की समस्या को झेल रहे शहर के वाशिंदों को इस भारी मुसीबत से छुटकारा मिलने की आस तब जगी जब देश और प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ। चूंकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी संसदीय सीट से भाजपा के सांसद हैं। इसलिए धर्म और अध्यात्म की राजधानी समझे जाने वाले इस शहर में विकास का काम भी जोर-शोर से शुरु किया गया। उन्होंने इस शहर के विकास को प्राथमिकता के तौर पर रखा और यातायात की सुगमता के लिए समूचे शहर के प्रमुख चौराहों पर सिग्नल लाइट की व्यवस्था करने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये। शहर की प्रमुख सड़कों को उसकी बाहरी सीमा से जोड़ने के लिए ऊपरगामी पुल भी तेजी से बनाये गये। इसकी वजह यह थी कि बड़ी गाड़ियां ऊपरी पुल से अपने गंतव्य को जा सकेंगी और नीचे की सड़कों पर छोटे वाहनों से यातायात का मार्ग भी सुगम हो सकेगा। इसके लिए लंका, भेलूपुर, गोदौलिया, नई सड़क, लहुराबीर, पिपलानी कटरा, मैदागिन, विशेश्वरगंज, मछोदरी से लगायत आशापुर तक के बीच में पड़ने वाले सभी चौराहों पर अच्छी खासी संख्या में यातायात के साथ ही सिविल पुलिस के जवानों को तैनात किया गया। इसी प्रकार लहुराबीर से तेलियाबाग, अंधरापुल, मिंट हाउस, कचहरी और अर्दली बाजार होते हुए भोजूबीर से लेकर शिवपुर तक और उधर तेलियाबाग चौकाघाट, हुकुलगंज, पाण्डेयपुर चौराहे से आगे तक सुगम यातायात के लिए जवानों की तैनाती हुई। आश्चर्यजनक तथ्य तो यह कि सबकुछ व्यवस्था होने के बावजूद जवानों की तैनाती ‘हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। सिग्नल लाइट के आवश्यक संकेतकों का पालन कराने के लिए चौराहों पर तैनात जवानों की आंखों के सामने से इस व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए वाहनों का काफिला धड़ल्ले से आ-जा रहा है और इन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं। परिणामस्वरुप ‘पीक आवर’ में शहर के चारो ओर की सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो रही और नागरिक, प्रशासन की इस व्यवस्था को कोसने के लिए विवश हैं। उनकी समझ में ही नहीं आ रहा कि आखिर इस तरह की व्यवस्था के मायने क्या हैं। कुल मिलाकर जाम की समस्या कोढ़ में खाज की तरह हो गयी है।