बुल, अफगानिस्तान में अभेद्य किला माने जाने वाला पंजशीर तालिबान से जंग हार चुका है। तालिबान ने पाकिस्तानी एयरफोर्स की मदद से पंजशीर पर कब्जा कर लिया है और इसके साथ ही अफगानिस्तान अब पूरी तरह से तालिबान के कब्जे में चला गया है। इंडिया टूडे ने पंजशीर के प्रमुख कमांडर सालेह मोहम्मद के तालिबान के हमले में मारे जाने का दावा किया है और अगर ये दावा सही है, तो इसका मतलब ये हुआ कि तालिबान ने पंजशीर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है।
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तालिबान से हारा पंजशीर
नॉर्दर्न एलायंस के प्रमुख कमांडर सालेह मोहम्मद की मौत के साथ ही पंजशीर की तालिबान के हाथों हार हो गई है। पंजशीर अब तक एक ऐसा किला था, जिसे सोवियत संघ भी फतह नहीं कर पाया था, लेकिन तालिबान ने पाकिस्तान एयरफोर्स और आईएसआई की मदद से पंजशीर को हरा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने पंजशीर जीतने के लिए 10 हजार लड़ाकों को उतार दिया था और बीति रात पाकिस्तानी एयरफोर्स ने लगातार पंजशीर पर हमले किए हैं। पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह के घर पर भयानक बमबारी की है, जिसके बाद रिपोर्ट आ रही है कि वो जान बचाने के लिए पहाड़ों में छिप गये हैं, लेकिन एंटी तालिबान फोर्स के प्रमुख कमांडर सालेह मोहम्मद की मौत हो गई।
तालिबान के लिए था नाक का सवाल
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था, लेकिन पंजशीर उसके लिए नाक का सवाल बन गया था और तालिबान किसी भी हालत में पंजशीर पर कब्जा करना चाहता था। लेकिन, पंजशीर पर तालिबान कब्जा नहीं कर पा रहा था। तालिबान ने सैकड़ों लड़ाकों को पंजशीर पर कब्जा करने के लिए भेजा, लेकिन सभी के सभी नॉर्दर्न एलायंस के हाथों मारे गये। जिसके बाद तालिबान की मदद के लिए पाकिस्तानी एयरफोर्स पहुंच गई। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली रात पाकिस्तानी एयरफोर्स लगातार तालिबान को पंजशीर में हवाई रास्ते के जरिए उतार रहा था, वहीं पाकिस्तानी वायुसेना लगातार उन ठिकानों पर हमला कर रही थी, जहां से नॉर्दर्न एलायंस का ऑपरेशन चल रहा था। पाकिस्तान एयरफोर्स की मदद से तालिबान ने अहमद मसूद के मुख्य प्रवक्ता फहीम दश्ती और शीर्ष कमांडर साहिब अब्दुल वद्दू झोर को भी मार दिया।
अमरूल्ला सालेह थे निशाने पर
अफगानिस्तान की मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान एयरफोर्स के प्रमुख निशाने परअमरूल्ला सालेह थे, जिन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादी देश कहते हुए मोर्चा खोल दिया था। अमरूल्ला सालेह ने खुले तौर पर कहा था कि पाकिस्तान की मदद से ही तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा करने में कामयाब हो पाया है, लिहाजा अमरूल्ला सालेह से पाकिस्तान आग बबूला था और पाकिस्तानी एयरफोर्स ने बीति रात अमरूल्ला सालेह के घर पर भीषण बमबारी करते हुए पूरे घर को उड़ा दिया। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, अमरूल्ला सालेह को पाकिस्तानी एयरफोर्स के एक्शन की खबर थी, लिहाजा वो नॉर्दर्न एलायंस के प्रमुख नेताओं के साथ पहाड़ों में छिप गये थे। अफगान मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के आतंकियों को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने पैराशूट की मदद से पंजशीर में ड्रॉप किया था और तालिबान लड़ाके पंजशीर पर कब्जा करने के लिए छोड़े गये अमेरिकी ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे थे। लिहाजा, पंजशीर के लड़ाकों के लिए इस लड़ाई को जीतना नामुमकिन हो गया था।
पूरे पंजशीर पर तालिबान का कब्जा
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने पंजशीर में भयानक ड्रोन हमले किए हैं और ड्रोन के जरिए पाकिस्तान ने पंजशीर पर स्मार्ट बमों से हमला किया है। हालांकि, पाकिस्तान की भीषण बमबारी के बाद भी अमरूल्ला सालेह और अहमद मसूद सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचने में कामयाब रहे। लेकिन, रिपोर्ट है कि पंजशीर के करीब करीब सभी प्रमुख स्थानों पर तालिबान का कब्जा हो गया है, वहीं नॉर्दर्न एलायंस ने फौरन लड़ाई खत्म करने की बात कही है। अहमद मसूद के नेतृत्व में एनआरएफ ने फेसबुक पर एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है, “एनआरएफ सैद्धांतिक रूप से मौजूदा समस्याओं को हल करने और शत्रुता की तत्काल समाप्ति और बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखने के लिए सहमत है और उम्मीद करता है कि तालिबान बातचीत के जरिए जवाब देगा”।
तालिबान से कैसे हारा पंजशीर?
आपको बता दें कि अकेले तालिबान के लिए पंजशीर को जीतना नामुमिकन था और अगर पाकिस्तान एयरफोर्स से मदद नहीं मिलती, तो तालिबान कभी पंजशीर को जीत भी नहीं पाता। अफगान मीडिया के मुताबिर, आईएसआई चीफ के काबुल दौरे के दौरान तालिबान को पाकिस्तानी एयरफोर्स से मदद देने की बात कही गई थी, वहीं आईएसआई चीफ के कहने पर तालिबान ने पंजशीर जाने वाली सभी रास्तों को ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद पंजशीर में खाद्य सामग्रियों की सप्लाई बंद हो गई थी और उनके पास हथियार भी खत्म होने लगे थे। हालांकि, पंजशीर ने आखिरी वक्त तक हार नहीं मानी और बताया जा रहा है कि हजार से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर के लड़ाकों ने मार गिराया। लेकिन, पाकिस्तानी एयरफोर्स के आने के बाद पंजशीर के लड़ाकों के लिए किले को बचाए रखना नामुमकिन हो गया था।