(आजाद खां बापू)
भदोही (काशीवार्ता)। सीईपीसी प्रशासनिक समिति के चुनाव में कैप्टन मुकेश पैनल को भारी जीत हासिल हुई है। 17 सीटों के लिए हुए चुनाव में कैप्टन मुकेश पैनल ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि विपक्षी संजय गुप्ता पैनल के केवल राम दर्शन शर्मा ही प्रशासनिक समिति में पहुंच सके हैं। शुक्रवार को नोएडा के होटल रेडिसन में दोपहर 2 बजे शुरू हुई मतगणना के बाद चुनाव अधिकारी जगमोहन ने परिणाम की घोषणा की। जीत के बाद जीते प्रत्याशियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
उत्तर प्रदेश के 10, शेष भारत के 4 तथा कश्मीर के तीन सीटों के लिए 2 से 9 सितंबर तक आॅनलाइन मतदान हुआ था। कैप्टन मुकेश और संजय गुप्ता ने अलग अलग पैनल बनाकर चुनाव में प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उप्र की दस सीटों पर पूरे देश के कालीन उद्यमियों की निगाहें टिकी थीं। कैप्टन मुकेश पैनल ने उप्र के 9 सीटों सहित कुल 16 प्रत्याशी खड़े किए थे और सभी सीटों पर जीत हासिल की। दसवीं सीट संजय गुप्ता पैनल के आगरा के कालीन निर्यातक राम दर्शन शर्मा की झोली में चली गई। संजय गुप्ता पैनल के एक मात्र प्रत्याशी आगरा के राम दर्शन शर्मा जीते। चुनाव अधिकारी जगमोहन ने बताया कि कैप्टन मुकेश पैनल के रोहित गुप्ता (885 मत), वासिफ अंसारी (870 मत), अनिल सिंह (822 मत), सूर्यमणि तिवारी (810 मत), श्रीराम मौर्य (810 मत), दर्पण बरनवाल (805 मत), असलम महबूब (789 मत), हाजी फिरोज वजीरी (756 मत), इम्तियाज अंसारी (746 मत) निर्वाचित हुए हैं। आगरा के राम दर्शन शर्मा को 746 मत मिले।
उन्होंने बताया कि शेष भारत के चार सीटों पर कैप्टन मुकेश (922 मत), महावीर प्रताप उर्फ राजा शर्मा (922 मत), बोधराज मल्होत्रा (750 मत), विजेंद्र सिंह जगला (737 मत) तथा कश्मीर के तीन सीटों पर कुलदीप राज वाटल (887 मत), गुलाम नबी भट्ट (946 मत) व शेख आशिक (879 मत) निर्वाचित घोषित किए गए हैं। सभी प्रत्याशी नोएडा मतगणना स्थल पर मौजूद थे और सायं 4 बजे तक परिणाम आते ही कालीन नगरी में खुशी की लहर दौड़ गई तथा शुभकामनाओं का दौर शुरू हो गया था। मतगणना के दौरान सीईपीसी चेयरमैन उमर हमीद भी मौजूद थे। उन्होंने सभी विजेताओं को जीत की बधाई दी। सतीश वाटल, शाहिद जमाल, अरुण वाटल, हुसैन जाफर, साजिद हुसैन, प्रदीप जायसवाल, सचिन गोयल, आमिर हसन आदि भी लोगों को मुबारकबाद देने के लिए मौजूद थे।
प्रत्याशी जो हार गये-संजय गुप्ता (693 मत), जितेंद्र गुप्ता (597 मत), राशिद कमर अंसारी (561), उमेश शुक्ला (557 मत), मोहसिन अली अंसारी (378 मत), हाजी अब्दुल सत्तार (362 मत) शाहिद अली अंसारी (341 मत), विशाल गर्ग (427 मत), नवीन सुराना (613 मत) व मेहराज जन (497 मत) चुनाव हार गए हैं।
किंग मेकर बने वासिफ अंसारी
17 में से 16 सीटें जीतने वाले कैप्टन मुकेश के नेतृत्व की सर्वत्र चर्चा है। लेकिन देखा जाए तो इस पैनल के किंग मेकर भदोही के प्रमुख कालीन निर्यातक वासिफ अंसारी रहे। दरअसल कुल 1344 वोटों में 987 मत उप्र मे है। 313 शेष भारत तथा कश्मीर में केवल 44 मत थे।
उप्र का पूरा दारोमदार वासिफ अंसारी पर छोड़ दिया गया था। यही कारण है कि प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रचार की कमान वासिफ अंसारी पर ही छोड़ी गई थी। इतना ही नहीं चुनाव संबंधी जितनी बैठकें हुई सब वासिफ अंसारी के यहां ही हुई। इससे उनकी जिम्मेदारी काफी बढ़ गई थी। ऐसे में परिणाम आने के बाद वासिफ अंसारी को ही किंग मेकर बताया जा रहा है। परिणाम सार्वजनिक होने के बाद राहत की सांस लेते हुए अंसारी ने कहा कि कालीन उद्यमियों ने जिसे ठीक समझा उसे सम्मान दिया।
सर्वाधिक मतों से जीते रोहित गुप्ता
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के इस चुनाव में कम से कम छह प्रत्याशी ऐसे हैं जो पहली बार चुनाव जीते हैं। इनमे से एक युवा कालीन निर्यातक रोहित गुप्ता भी हैं जिन्होंने रिकार्ड तोड़ सर्वाधिक 885 मत प्राप्त कर निर्वाचित घोषित हुए। इसी प्रकार से सूर्यमणि तिवारी, दर्पण बरनवाल, असलम महबूब, इम्तियाज अंसारी, विजेंद्र सिंह जगलान के प्रशासनिक समिति में पहुंचने का पहला अवसर है। सभी ने कहा कि कुछ अच्छा करने की सोचकर यहां तक पहुंचे हैं। लोगों का आशीर्वाद रहा तो साथ कुछ अच्छा ही होगा।
कालीन जगत में खुशी की लहर
सीईपीसी का चुनाव जीतने वालों में सबसे अधिक वोट रोहित गुप्ता को मिला है। उन्हे 885 कालीन निर्यातकों ने वोट देकर सीईपीसी का सदस्य बनाया। रोहित गुप्ता चुनाव जीतने वालों में सबसे युवा है। वह वरिष्ठ कालीन निर्यातक उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना के पुत्र हैं। जो खुद निवर्तमान सीईपीसी के प्रशासनिक समिति के सदस्य हैं। इन युवा निर्यातकों को पहली बार सीईपीसी के चुनाव में सफलता अर्जित करने पर निर्यातकों ने हिर्दय की गहराइयों से मुबारकबाद दी।
पहली ही बार चुनाव में रहें सफल इम्तियाज, दर्पण व रोहित
भदोही। सीईपीसी के चुनाव में इम्तियाज अहमद, दर्पण बरनवाल व रोहित गुप्ता सहित कुछ अन्य प्रत्याशी भी मैदान में उतरे थे। जो पहली बार चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें कालीन निर्यातकों का भरपूर समर्थन और सहयोग मिला। सभी पहली बार में ही चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने इसके लिए कालीन निर्यातक सदस्यों का आभार जताया। जिसकी वजह से यह संभव हो सका।