घरेलू गैस का धड़ल्ले से हो रहा व्यवसायिक उपयोग


डा. रजनीश सिंह
वाराणसी(काशीवार्ता)। घरेलू गैस सिलेंडरों का बाजारों में धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है। इसका नजारा ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर देखने को मिल रहा है। बाजारों में जान जोखिम में डालकर ब्यापार करने की होड़ मची है। एक दूसरे से सटे सैकड़ों ठेला, खोमचा वाले खुलेआम घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में कहीं एक भी सिलेंडर से लीकेज हुई या ब्लास्ट हुआ तो कभी भी बड़ी घटना घट सकती है। बताते चलें कि ग्रामीण अंचल में अधिकतर लोग लकड़ी चूल्हे के बजाय रसोई गैस का उपयोग करने लगे हैं।लाल रंग के घरेलू गैस सिलेंडर पर सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी दी जाती है। वहीं दूसरी ओर दुकानों,होटलों के लिए नीले रंग का कमर्शियल गैस सिलेंडर उपलब्ध है, लेकिन उक्त सिलेंडर महंगा होने से अधिकतर होटलों,दुकानों में घरेलू सिलेंडर का ही उपयोग किया जा रहा है। वहीं कामर्शियल सिलेंडर का उपयोग नहीं किए जाने से राजस्व की हानि भी झेलनी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्र के राजातालाब, मिर्जामुराद, मोहनसराय, रोहनियां, जक्खिनी, लोहता, जंसा, सेवापुरी में होटलों, दुकानों, ढेला खोमचा पर इस्तेमाल किए जा रहे घरेलू सिलेंडर को दुकानदार छिपा कर रखते हैं। लेकिन ऐसा भी देखा जाता है कि इनका खुलेआम बेधड़क इस्तेमाल किया जा रहा है। घरेलू गैस सिलेंडर का प्रयोग करने के पीछे का कारण इनके दामों में भारी अंतर है। दीपापुर इंडेन गैस एजेंसी के मालिक राजेश सोनकर के अनुसार वर्तमान में जहां घरेलू सिलेंडर 14.2 किग्रा के गैस सिलेंडर का मूल्य 948 रुपए है। वहीं 19 किलो का व्यवसायिक सिलेंडर 1800 रुपए में मिलता है। इस तरह करीब सात,आठ सौ रुपए बचाने के लिए दुकानदार,वाहनों एवं शादी समारोह में घरेलू सिलेंडर प्रयोग करते देखे जा सकते हैं। विदित हो कि व्यावसायिक सिलेंडर के उपभोक्ता जहां लगभग दो सौ होगें, वहीं घरेलू गैस उपभोक्ताओं की संख्या हजारों में है । गैस कंपनी ने रसोई गैस के दुरुपयोग को रोकने के लिए नीले रंग का पांच किलो का सिलेंडर भी बाजार में उतारा है,जिसकी रिफिल वर्तमान में मात्र पांच सौ रुपए के आसपास है ।
वाहनों में भी खप रही रसोई गैस
रसोई गैस सिलेंडरों का उपयोग गैस चालित वाहनों में भी किया जाता है। इससे जानलेवा हादसे होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। लोगों का कहना है प्रशासन की उदासीनता का ही नतीजा है कि वाहनों एवं दुकानों में रसोई गैस का दुरुपयोग नहीं रुक पा रहा है। लंबे अरसे से प्रशासन के अमले द्वारा रसोई गैस के दुरुपयोग को लेकर न कोई कार्यवाही की गई,न ही जांच अभियान चलाया गया। प्रशासनिक उदासीनता से ऐसे लोग बेखौफ होकर रसोई गैस का दुरुपयोग कर रहे हैं।