देहरादून, । हाईकोर्ट के यात्रियों की संख्या पर लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद अब चारधाम यात्रा को लेकर नए नियमों का पालन करना होगा। इसके लिए राज्य सरकार की और से नई एसओपी जारी की गई है। ई पास के लिए अब रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है, अब यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड से टोकन लेना होगा। जो कि केदारनाथ और बद्रीनाथ में ही लागू होगा। इसके साथ ही बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। जबकि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को दर्शन और प्रदक्षिणा की अनुमति रहेगी। इसके साथ ही सरकार की और से कोविड प्रोटोकॉल का भी सभी को पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
20 दिन बाद नए नियम हुए लागू
20 दिन बाद चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब यात्रियों की संख्या पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है। अब कोई भी चारधाम यात्रा के दर्शन के लिए आ सकते हैं। हालांकि कोविड प्रोटोकॉल का यात्रियों को पालन करना होगा। राज्य सरकार ने इसके लिए नई एसओपी जारी कर दी है। अगर आप दर्शन का प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को सबसे पहले देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। तीर्थयात्रियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 15 दिन बाद का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। अगर किसी यात्री ने एक डोज लगवाई है या कोई डोज नहीं लगवाई है तो 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दर्शन की अनुमति होगी। धामों की कोविड वहन क्षमता के तहत ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसमें सामाजिक दूरी छह फीट के मानदंडों का पालन अनिवार्य होगा। अगर चारधाम यात्रा जांच के दौरान कोई तीर्थयात्री संक्रमित मिलता है तो उसे संबंधित परीक्षण केंद्र या अस्पताल में कोविड-19 जांच के लिए भेजा जाएगा।
देवस्थानम बोर्ड से मिलेगा टोकन
केदारनाथ को छोड़कर बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही सभा मंडप में बैठने की किसी को भी अनुमति नहीं नहीं होगी। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए निशुल्क टोकन लेना होगा जो कि देवस्थानम बोर्ड की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही धामों में प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल और थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया है। हर यात्री को दर्शन के लिए सीमित समय दिया जाएगा। दर्शन के दौरान मूर्ति, घंटी, ग्रंथ, पुस्तक को छूने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर परिसर में किसी को प्रसाद वितरण टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी।
केदारघाटी में नजर आई रौनक
केदारनाथ धाम में 20 दिनों से एसओपी को बदलने की मांग को लेकर चल रहा तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन खत्म हो गया है। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित पुरूषोत्तम तिवारी ने बताया कि ई पास और सीमित संख्या को लेकर यात्री बहुत परेशान रहे। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने एसओपी में बदलाव कर दिया है। जिससे पुरोहितों ने राहत की सांस ली है। ऐसे में अब तीर्थ पुरोहितों को आने वाले दिनों में नई रौनक की उम्मीद है। हालांकि एसओपी को लेकर चल रहे विरोध को बंद करने के बाद अब तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर अपना विरोध शुरू कर दिया है। बता दें कि ई पास और दूसरे बिंदुओं को लेकर सबसे ज्यादा विरोध केदारघाटी में हुआ। जहां बाजार भी बंद रहे थे।