सातों सीट जीतने को भाजपा उतारेगी जिताऊ उम्मीदवार


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिले की सातों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए इस बार भाजपा चुस्त दुरूस्त एवं जिताऊ के साथ ही टिकाऊ उम्मीदवार उतारने जा रही है। कुशवाहा वोटों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए जंगीपुर में करिश्माई चेहरे को मैदान में उतारने को लेकर मंथन चल रहा है। वैसे इस विधानसभा में एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं। मुकेश सिंह के बसपा से टिकट मांगने के बाद एमएलसी चंचल सिंह के रिश्तेदार बिरनो ब्लाक प्रमुख राजन सिंह भी अब मैदान में हैं। उनके पोस्टर सोशल मीडिया पर खूब दौड़ रहे हैं। सातों विधानसभाओं के मौजूदा सियासी परिदृश्य पर नजर डालें तो मुहम्मदाबाद, सदर और जमानियां के साथ ही जहूराबाद विधानसभा की सीट इस बार भी भाजपा के खाते में जा रही है। जहूराबाद में सात वर्षों से भगवा झंडा फहराने वाले भाजपा नेता रामप्रताप सिंह अभी भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा बाराचवर के जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह झाबर, इंद्राणी सिंह भी टिकट मांग रही हैं। इंद्राणी सिंह जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बहन है। इसके अलावा पूर्व विधायक गणेश राजभर के बेटे भी टिकट मांग रहे हैं। मुहम्मदाबाद विधानसभा में अभी भी विधायक अलका राय ही मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। अगर वह इस बार चुनाव लड़ने से मना करती हैं तो स्व. कृष्णानंद राय के भतीजे एवं भांवरकोल ब्लाक प्रमुख पति आनंद राय मजबूत उम्मीदवार के रूप में पेश किए जा रहे हैं। अलका राय के बेटे एवं आनंद राय मुन्ना में तुलना की जाए तो आनंद राय की लोकप्रियता पीयूष से कहीं अधिक है। उन्हें जुझारू उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। वह इस समय पूरी विधानसभा को एक तरह से मथ दिया है। जमानियां विधानसभा में दिग्गज को हराकर विधायक बनीं सुनीता सिंह के सामने अभी तक कोई मजबूत दावेदार सामने नहीं आया है। उन्हें विकास का आईकान भी कहा जाने लगा है। जमानियां में सुनीता सिंह को भाजपा इसलिए भी रिपीट कर सकती है कि उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे वह विवादित हों। आज भी उन्हें निर्विवाद विधायक के रूप में देखा जाता है। जंगीपुर विधानसभा में बिरनो प्रमुख राजन सिंह के अलावा राम नरेश कुशवाहा, रमेश सिंह पप्पू, योगेश सिंह, युवा नेता हिमांशु सिंह के अलावा कई और दावेदार सामने आ रहे हैं। वाराणसी की शिवपुर विधानसभा से टिकट मांग रहे विजय यादव को वहां से टिकट नहीं मिला तो उन्हें जिले की किसी एक विधानसभा में यादव वोटों को सहेजने के लिए उम्मीदवार बनाया जा सकता है। सदर विधानसभा की विधायक संगीता बलवंत को योगी सरकार में बिंद मल्लाह वोटों को अपने पाले में करने के लिए मंत्री बनाया गया। भाजपा का एक खेमा उनका टिकट पक्का मानकर चल रहा है। लेकिन यहां उलट फेर भी हुआ तो संगीता को कहीं अन्य जगह पर समायोजित किया जा सकता है। सैदपुर में अभी तक कोई उम्मीदवार तो सामने नहीं आ रहा है लेकिन यह चर्चा कि सोनकर बिरादरी पर भाजपा दाव लगाएगी, जो दादा के परिवार का करीबी होगा। सुरक्षित सीट जखनियां में शैलेश राम के अलावा स्व. रामहित राम की बहू भी मैदान में है। इन दोनों में किसी एक को भाजपा उम्मीदवार बनाएगी। सियासत के जानकार मानते हैं कि इस बार टिकट बंटवारे में सिफारिश ना के बराबर चलेगी। क्योंकि भाजपा हर हाल में योगी के चेहरे पर चुनाव लड़कर तीन सौ के पार सीट जीतना चाहती है। जिले की सातों विधानसभा की सीटों पर टिकट बंटवारे में एलजी साहब की सिफारिश की भी चर्चा चल रही है। कई दावेदार एलजी के दरबार में माता रानी के बहाने मत्था टेक आए हैं। लेकिन इसकी भनक अगर महराज जी को लगी तो एैन वक्त पर नाम अगर कट जाए तो इसमें हैरानी की बात नहीं होगी।